अमित गोस्वामी, संवाददाता
गौड़ीया वैष्णव सम्प्रदाय में माघ मास की त्रयोदशी को श्रील नित्यानंद महाप्रभु आविर्भाव दिवस राधाकुंड के मंदिरों में मनाया गया।
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इस मौके पर भक्तों द्वारा विभिन्न प्रकार के पुष्पों का चयन कर मंदिर को मनोहर रूप में सजाया गया। इसके बाद छप्पन भोग, पालकी उत्सव एवं वैदिक मंत्रोंउच्चारण कर पंचगव्य, फलों के रस, औषधियों एवं पुष्पों से ी निताई गौर के महाभिषेक की प्रक्रिया को सम्पन्न की गई।
रघुनाथ दास गोस्वामी गद्दी के गद्दीनशीन महंत केशव दास महाराज ने बताया कि श्रील नित्यानंद महाप्रभु त्रेता में प्रभु श्रीराम के अनुज लक्ष्मण, द्वापर में श्रीकृष्ण के बडे़ भाई बलराम एवं कलिकाल में नित्यानंद महाप्रभु के रूप में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जनपद के छोटे से गांव एकचक्र धाम में हड़ाई पंडित एवं पद्मावती के यहां अवतरित हुए।
इनका 549वां आविर्भाव महोत्सव मनाया गया है। कार्यक्रम में भक्तों ने महामंत्र की मधुर ध्वनि में मंत्रमुग्ध होकर नित्य किया एवं निताई गौर से प्रेम भक्ति प्राप्ति हेतु कामना की।
इस अवसर अवसर पर महाप्रभु जी मंदिर, निताई गौर मंदिर, राधा रमन मंदिर, राधाकांत मंदिर, श्याम सुंदर मंदिर, राधा काला चांद मंदिर, राधा गोपीनाथ मंदिर, राधा गोविंद देव जी मंदिर, राधा मदन गोपाल मंदिर, जगन्नाथ मंदिर, गिरधारी मंदिर, राधा दामोदर मंदिर, राधा विनोद मंदिर, राधा ब्रजबिहारी मंदिर, पुराना महाप्रभु मंदिर, राधा मदन मोहन जी मंदिर में आविर्भाव महोत्सव मनाया गया।