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किसी की हां किसी की ना के बीच भारत बंद ‘टांय टांय फिस’

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नई दिल्ली। नोटबंदी के विरोध में आज विरोधी दलों ने भारत बंद रखने का आह्वान किया था। कुछ दिनों से लगातार विपक्षी पार्टियां लोगों से नोटबंदी के खिलाफ भारत बंद में शामिल होने के लिए कहती रही हैं। पर गौर करने वाली बात यह है कि धीरे धीरे नोटबंदी का विरोध करने वाली कई पार्टियों ने प्रदर्शन से अपने हाथ खींच लिए। जेडीयू, कांग्रेस सहित अनेक दल यह कहते पाए गए कि वें नोटबंदी का विरोध तो कर रहे हैं लेकिन प्रदर्शन में शामिल नहीं होना चाहते हैं। कांग्रेस ने बढ़चढ़ कर भारत बंद के लिए आवाज उठाई लेकिन मेन मौके पर पार्टी ने स्वयं को विरोध से अलग कर लिया।

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इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेया ने कहा है कि कांग्रेस ने किसी भारत बंद जैसे कार्यक्रम का आह्वान नहीं किया है। पार्टी सिर्फ जन आक्रोश दिवस के तौर पर देशव्यापी विरोध प्रदर्शन ही कर रही है। ऐसा ही कुछ हाल रहा टीएमसी का, सीएम ममता ने दिल्ली में दो बार प्रदर्शन कर जहां जनता से भारत बंद रखने की अपील की वहीं मौके पर उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी इस बंद में शामिल नहीं होना चाहती है, वो सिर्फ विरोध प्रदर्शन ही करेंगी।

आपको बता दें कि इससे पहले नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने पहले ही इस बात की घोषण कर दी थी कि वे विरोधी पार्टियों के तरफ से किए जा रहे धरना प्रदर्शन में शामिल नहीं होगे, यहां पर गौर करने वाली बात यह भी है कि नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री के नोटबंदी के फैसले को सराहा भी। इस बावत जेडीयू के बिहार इकाई के अध्यक्ष वरिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि हमने केंद्र सरकार के फैसले का शुरु से ही समर्थन किया है, इसलिए हम इसकी खिलाफत कैसे कर सकते हैं? विरोधी पार्टी एक ऐसे मुद्दे का विरोध कर रही है, जिसका हमने समर्थन किया है, ऐसे में हम इस प्रदर्शन में कैसे शामिल हो सकते हैं?

वाम दल कर रहे हैं प्रदर्शन-  वाम दलों द्वारा नोटबंदी के विरोधस्वरूप पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में सोमवार को आहूत बंद के कारण यहां जनजीवन ठप हो गया है। मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व में वाम दलों द्वारा 500 और 1,000 रुपये के नोट बंद किए जाने के खिलाफ सुबह से शाम के बंद का आह्वान किया गया है। बंद के कारण सरकारी और अर्ध सरकारी, निजी कार्यालय, बैंक, शैक्षिक संस्थान, दुकान और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं। सुरक्षा बलों के वाहनों को छोड़कर अन्य सभी वाहन सड़कों से नदारद हैं।

अगरतला, गुवाहाटी, कोलकाता और नई दिल्ली के बीच विमानों का सामान्य रूप से संचालन किया जा रहा है। बंद के कारण त्रिपुरा और देश के शेष भागों के बीच रेल सेवाओं पर भी असर पड़ा, क्योंकि वाम दलों के कार्यकर्ताओं ने राज्य के विभिन्न स्थानों पर कई रेलों को रोक दिया। पुलिस प्रवक्ता उत्तम कुमार भौमिक ने आईएएनएस को बताया, “राज्य में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। पूरे राज्य में बंद शांतिपूर्ण रहा।तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों ने बंद का विरोध किया है। उन्होंने इसी मुद्दे के विरोध में शाम को रैलियां निकालने का फैसला किया है।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने स्थानीय नेताओं के नेतृत्व में राज्य के विभिन्न स्थानों पर बंद के विरोध में कई रैलियां निकालीं और लोगों से राज्य में सामान्य स्थिति बनाए रखने की अपील की।त्रिपुरा वाम मोर्चा संयोजक और लोकसभा के पूर्व सदस्य खगेन दास ने कहा, “केंद्र सरकार के आठ नवंबर के नोटबंदी के खिलाफ अखिल भारतीय विरोध के हिस्से के तौर पर हमने त्रिपुरा के लोगों से पूरे राज्य में 12 घंटे का बंद रखने का आग्रह किया है। हड़ताल पूरी तरह सफल रही।

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