उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक रैली में आत्महत्या की धमकी देने वाली एक दुष्कर्म पीड़िता का वीडियो वायरल हो गया। जिसके बाद स्थानीय पुलिस काफी तेजी से हरकत में आई और उसने मुकदमा दर्ज किया।
धमकी के बाद स्थानीय पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
सीएम योगी के रामपुर आयोजित जनसभा को संबोधित करने से कुछ देर पहले मंगलवार को एक दुष्कर्म पीड़िता द्वारा आत्महत्या की धमकी देने वीडियो वायरल हुआ। जिसके बाद हरकत में आए स्थानीय पुलिस ने कुछ घंटों के भीतर ही दुष्कर्म पीड़िता की शिकायत पर मामला दर्ज किया है।
दुष्कर्म पीड़िता ने क्या लगें आरोप
दुष्कर्म पीड़िता ने आरोप लगाया है कि पिछले 7 महीने से वह शिकायत दर्ज कराने में असफल रही है। उसके बाद उसने यह फैसला लिया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दुष्कर्म पीड़िता एक स्वास्थ्य कार्यकर्ता है। जिस ने आरोप लगाया है कि जिस अस्पताल में वह काम करती थी वहां 5 अप्रैल को यूपी पुलिस का एक अधिकारी और उसके क्वेश्चन घुस गए और संपत्ति विवाद को लेकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया।
यूपी पुलिस पर लगाया आरोप
दुष्कर्म पीड़िता ने इस जघन्य अपराध के लिए इंस्पेक्टर रामवीर सिंह यादव और उसके दोस्त विनोद सिंह यादव पर आरोप लगाया है।
पुलिस अधीक्षक ने क्या कहा
मामले की जानकारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष अंकित मित्तल ने बताया है कि बी वायरल वीडियो की संज्ञा लेते हुए हमने दुष्कर्म पीड़ित महिला को बयान दर्ज करवाने के लिए बुलवाया था। बयान दर्ज कराते हुए दुष्कर्म पीड़िता ने गंज कोतवाली थाने के इंस्पेक्टर रामवीर सिंह यादव और उसके मित्र विनोद सिंह यादव पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया है।
पुलिसकर्मियों को किया गया निलंबित
मंगलवार को मामला दर्ज होने के बाद पुलिसकर्मी रामवीर सिंह यादव को निलंबित कर दिया गया है साथ ही पुलिस अधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए गए हैं। दुष्कर्म पीड़िता ने पुलिस अधिकारी पर सबूत नष्ट करने का भी आरोप लगाया है। वही दूसरी आरोपी विनोद सिंह यादव ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है।