यूपी के पूरे्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शाहजहाँपुर के बण्डा ब्लॉक से नानक पूरी गुरुद्वारे से कहा कि किसान आंदोलन के रास्ते में बड़ी-बड़ी कीले बिछाई गई ताकि किसान आंदोलन में शामिल न हो सके। किसानों के ट्रैक्टरों को डीजल नहीं दिया गया। लेकिन फिर भी हमारे किसान पीछे नहीं हटे कहां गया कहां गया कोरोना आ गया है, बीमारी आ गई है, घर के बाहर निकलना नहीं। उस समय भी बीमारी के समय किसान भाई पालन करते रहे और 1 साल हो गया आंदोलन चल रहा है। 26 जनवरी को आंदोलन शुरू हुआ था। समाजवादी पार्टी को वहां जाने नहीं दिया गया। यह घटना हुई तो सरकार अंग्रेजों के किए हुए जुल्मों को की याद आ जाती है। वही लखीमपुर की घटना सरकार का मंत्री खुद जुल्म कर रही है।
बता दें कि अखिलेश यादव ने आगे कहा कि जब लोग वापस आ रहे थे किसान और सिख भाई उन को कुचलने का काम किया। जब तक न्याय नहीं मिलेगा हम लोग डटे रहेंगे जो किसान लोगों का पेट भरता है उसको मवाली और आतंकवादी कहा जाता है। वह किसान अनाज पैदा करता है तो आतंकवादी कहते हो उसका अनाज क्यों खाते हो हमारा किसान को दो करोड़ की मदद करनी चाहिए थी।
वहीं किसानों की एफ आई आर दर्ज नहीं कर रही थी। पुलिस एक महीने में गिरफ्तार हो जाएंगे कह रही है। अभी तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। हम बीजेपी पर भरोसा नहीं कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश में एक आईपीएस अधिकारी फरार है और सरकार गिरफ्तारी नहीं करा पा रही है जबकि 6 पुलिसकर्मी भी फरार हैं। और वही जो मंत्री कानून का मालिक है उसके बेटे को कौन गिरफ्तार कर सकता है ।
बता दें कि आगे उन्होंने कहा कि सरकार ने डीजल पेट्रोल खाद सब महंगा हो गया है। हर चीज महंगी हो गई है बीजेपी वालों को पता ही नहीं है। जो सरकार न्याय नहीं कर सकती वह जातियों में झगड़ा कराने में लगी हुई है। आजादी की लड़ाई सिक्खों का बहुत बड़ा योगदान है। हमारे सिख भाई ने परिश्रम करके लोगों को आगे बढ़ाकर सिख धर्म के भाइयों ने दुनिया में भारत की पहचान बनाई है।