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पीएम मोदी के संबोधन के समय संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के बाहर हुआ विरोध प्रदर्शन

पीएम मोदी के संबोधन के समय संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के बाहर हुआ विरोध प्रदर्शन पीएम मोदी के संबोधन के समय संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के बाहर हुआ विरोध प्रदर्शन

पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। प्रधानमंत्री के संबोधन के समय संयुक्त राष्ट्र के बाहर 4 अलग-अलग विरोध प्रदर्शन हुए।
इसके बाद अलग-अलग कारणों का हवाला देते हुए सभी समूहों को अलग कर दिया गया। जिसमें सबसे बड़ा समूह लगभग सौ खालिस्तान समर्थकों का था। जोकि पीले रंग झंडे लहरा रहे थे। साथ ही समर्थक शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सिमरनजीत सिंह मान के फ़ोटो लिए हुए थे। इसके अलावा अन्य तीन विरोध प्रदर्शनों के आयोजकों ने खालिस्तानियों का साथ नहीं दिया। और कहा कि, वे उनसे जुड़े हुए नहीं हैं।

इन समूहों में एक इंडियन नेशनल ओवरसीज कांग्रेस भी शामिल था। जोकि इंडिया में कांग्रेस पार्टी का समर्थन करता है। इन्होंने विरोध का कारण इंडिया में कथित मानवाधिकारों का हनन बताया। जबकि एक अन्य विरोध प्रर्दशन इंडिया में किसानों के आंदोलन के समर्थन में एक स्थानीय गुरुद्वारे द्वारा आयोजित किया गया। जोकि किसानों के मुद्दों पर केंद्रित था। इसके अलावा इन्होंने भी खुद को खालिस्तानियों से रखा बताया है।साथ ही एक आयोजक ने कहा कि, उनका उस विरोध से कोई लेना-देना नहीं है। इस समूह के लोग हरी पगड़ी में देखे गए।

चौथा विरोध प्रदर्शन द हिंदुज फॉर ह्यूमन राइट्स की तरफ से किया गया था। साथ ही एक आयोजक ने कहा कि, वे खुद को खालिस्तानियों से नहीं जोड़ रहे हैं और उस समूह के बगल में पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग की गई है। इसके अलावा एचएचआर ने नागरिकता संशोधन अधिनियम, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर और अन्य कानूनों का हवाला देते हुए भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन और कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेने के लिए विरोध किया।

इसके कार्यकारी निदेशक और एक प्रोटेस्टेंट पादरी पीटर कुक ने कहा कि, वह भारत से निर्वासित हुए थे। अन्य वाक्य में कहा कि, उनके संगठन ने सीएए का विरोध किया, भले ही इसने उत्पीड़न से भाग रहे ईसाइयों को नागरिकता का अधिकार दिया हो, क्योंकि यह ईसाइयों को मुसलमानों के खिलाफ खड़ा करता है। इसके अलावा खालिस्तानी प्रदर्शनकारियों के पास पुलिस से संयुक्त राष्ट्र में भारत के मिशन के बाहर प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं मिली थी। जबकि झंडे लहराते और नारे लगाते हुए प्रदर्शन किया था।

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