लखनऊ: समाजवादी पार्टी का तीन सदस्यीय डेलिगेशन शुक्रवार को राजभवन पहुंचा और अपनी मांगों से संबंधित एक ज्ञापन राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को सौंपा। करीब आधे घंटे तक राज्यपाल से मुलाकात से करने के बाद सपा का प्रतिनिधिमंडल राजभवन से बाहर आया। इस प्रतिनिधिमंडल में रामगोविंद चौधरी, राजेंद्र चौधरी और अहमद हसन मौजूद थे।
फर्जी मुक़दमे लगा कर किया जा रहा उत्पीड़न
मुलाकात के बाद बाहर निकले अहमद हसन ने बताया कि आज़म खान सहित कई समाजवादियों पर फर्जी मुक़दमे लगाकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। आज़म खान को प्रताड़ित किया जा रहा है। उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं था, फिर भी उन्हें जेल भेजा गया। जेल में उन्हें फिर स्वास्थ्य संबंधित परेशानी हुई, उसके बाद उन्हें वापस अस्पताल में एडमिट किया गया। ये व्यव्हार उचित नहीं है।
ब्लॉक प्रमुख चुनाव में धांधली हुई
अहमद हसन ने कहा कि राज्यपाल को हमने ब्लॉक प्रमुख चुनाव की घटनाओं से अवगत कराया। उन्हें बताया कि इन चुनावों में सपा के प्रत्याशियों के पर्चे फाड़े गए। उन्हें नामांकन करने से रोका गया, महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया। उत्तर प्रदेश में प्रजातंत्र शर्मशार हुआ है। यूपी में हालात बदसे बदतर हो गए हैं।
प्रेस पर छापेमारी क्यों?
सपा के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि वर्तमान में प्रेस के दफ्तरों में छापे मारे जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘ये सिर्फ इसलिए हो रहा है क्योंकि मीडिया ने सच्चाई दिखाई है और सच्चाई को ये सरकार देख नहीं पा रही है। मीडिया संस्थानों को टारगेट किया जा रहा है, उन्हें निष्पक्ष तरीके से काम करने की आज़ादी नहीं दी जा रही है। आखिर ये योगी सरकार में हो क्या रहा है?’