नई दिल्ली। बुधवार से संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत होगी लेकिन ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इस सत्र की शुरुआत जोरदार हंगामें के साथ होगी। हाल ही में सरकार के लिए गए नोटबंदी के फैसले के चलते विपक्ष पहले से ही सरकार को चारों तरफ से घेर रहा है ऐसे में शीतकालीन सक्ष के दौरान ये हमला और भी आक्रामक रुप ले सकता है। बता दें कि सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक एक जिन पहले मंगलवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी और कई बड़ी राजनीतिक पार्टियों से शीतकालीन सत्र को लेकर चर्चाएं हुईं। प्रधानमंत्री ने सभी नेताओं से गुजारिश की है कि सत्र में गंभीरता से सभी विषयों पर बिना शोर शराबे के चर्चा की जाए। गुलाम नवी आजाद ने बैठक में बैठक में कहा कि सत्र के दौरान किसानों, ओआरपी जैसे बड़े मुद्दों पर चर्चा होना चाहिए। वहीं नोटबंदी के फैसले पर उन्होंने कहा कि सरकार का यह फैसला किसानों और मजदूरों के खिलाफ है, इससे लोग बहुत ही परेशान हैं।
ममता बनर्जी करेंगी राष्ट्रपति भवन तक मार्च:-
शीतकालीन सत्र से पहले ही विपक्ष के तेवर अलग ही दिख रहे है। खबर के अनुसार सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालेंगी। इस मार्च में उनके साथ टीएमसी , नेशनल कॉन्फ्रेंस और शिवसेना के शामिल होंगी लेकिन अभी तक आम आदमी पार्टी के शामिल होने पर सस्पेंस बना हुआ है।
जीएसटी सहित अन्य बिल किए जाएंगे पेश:-
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सभा में कई बिल पेश किए जाएंगे जिस पर चर्चा करके उन्हें पास करवाना सरकार का मुख्य बिंदु रहेगा। संसद में जीएसटी, तीन तलाक जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही सरकार अगले साल के बजट सत्र के समयपूर्व आयोजन पर भी विचार कर रही है। इसे समय से एक महीने पहले या फिर जनवरी में शुरु किया जा सकता है। जानकारी के अनुसार जीएसटी के अलावा सरकार 15 नए बिल पेश करेगी जिन पर सदन में चर्चा की जाएगी।