नई दिल्ली।केंद्र सरकार ने विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाईक की संस्था, इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) पर मंगलवार को तत्काल प्रभाव से 5 साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया। आईआरएफ पर यह प्रतिबंध अनधिकृत गतिविधि (निवारक) अधिनियम (यूएपीए) के तहत लगाया गया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। इसके पहले चार नवंबर को सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर आईआरएफ को पूर्व अनुमति श्रेणी में डाल दिया था।
पीस टीवी को विदेशी खाते से मुहैया कराता था पैसे:-
जानकारी के अनुसार जाकिर नाईक की संस्था पर प्रतिबंध लगाने के पहले सारे गैरकानूनी गतिविधयों की जांच पड़ताल की गई जिसके बाद सरकार ने जाकिर की संस्था के खिलाफ गैनकानूनी गतिविधियों पर नियंत्रण लगाने के कानून के तहत कार्यवाई की। जांच में बात सामने आई है कि जाकिर की संस्था पीस टीवी से जुड़ी हुई है और जाकिर के विदेशी खाते से पीस टीवी को पैसा भेजा जाता है। बता दें कि पीस टीवी पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप है।
जब आतंकी ने जाकिर के भाषणों का दिया हवाला:-
विवादित धर्म प्रचारक जाकिर नाईक हाल में तब सुर्खियों में आए, जब खुलासा हुआ कि ढाका के चर्चित कैफे पर एक जुलाई को हमला करने वाले आतंकियों में दो उसके भाषणों से प्रेरित हुए थे। मारे गए आतंकियों में शामिल बांग्लादेश में सत्तारूढ़ अवामी लीग के नेता का पुत्र रोहन इम्तियाज ने पिछले साल फेसबुक पर जारी एक संदेश में पीस टीवी के धर्म प्रचारक नाईक का हवाला दिया था, जिसमें नाईक ने कहा है,सभी मुसलमानों से आतंकी बन जाने का आग्रह कर रहा हूं। जिसके बाद सरकार की तरफ से जाकिर पर कड़ी नजर बनाएं हुए थे यहां तक की कई बार उसके खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात भी कही।
गृह मंत्रालय ने कुछ समय पहले मांगी थी कानूनी राय:-
कुछ समय पहले गृह मंत्रालय ने नाईक के कथिततौर पर लोगों को उकसाने वाले भाषणों सहित उसकी विवादित गतिविधियों के लिए उनके खिलाफ संभावित कार्रवाई के बारे में कानूनी राय मांगी थी जिसमें कहा गया है कि विभिन्न मंचों से दिए गए नाईक के भाषणों से विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच कथित तौर पर वैमनस्य तथा आतंकवाद को बढ़ावा मिला।
मुंबई के रहने वाले है जाकिर:-
बता दें, जाकिर नाईक का जन्म 1965 में मुंबई में हुआ। मेडिकल की पढ़ाई पूरी करने के बाद जाकिर ने 1991 में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना की थी। इस संस्था का मकसद गैर मुस्लिमों को इस्लाम का सही मतलब समझाना था और इसी मकसद से जाकिर ने खुद दुनिया भर में घूम-घूम कर कुरान और इस्लाम पर लेक्चर देना शुरू कर दिया। जाकिर पिछले 20 सालों में 30 से ज्यादा देशों में 2000 से भी ज्यादा सभाएं कर चुके हैं। जाकिर की सभाओं में खासी भीड़ जुटती है लेकिन, अपने कई बयानों की वजह से वो विवादों में रहे हैं।