कोरोना काल में लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई। जिसके बाद कोरोना से जान गंवाने वालों के परिवारों को 4 लाख का मुआवजा देने के संबंध में, सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका का केंद्र सरकार ने जवाब दिया है।
‘आपदा राहत कोष हो जाएगा खाली’
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि कोरोना से मरने वाले सभी लोगों के परिवारों को 4 लाख का मुआवजा नहीं दिया जा सकता। इससे आपदा राहत कोष खाली हो जाएगा। केंद्र ने कहा कि सभी कोरोना पीड़ितों को मुआवजा देना राज्यों के वित्तीय सामर्थ्य से बाहर है।
आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 का हवाला
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में उस याचिका पर सुनवाई हो रही थी जिसमें केंद्र और राज्यों को आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत कोरोना से मरने वाले लोगों के परिवारों को 4 लाख का मुआवजा देने का अनुरोध किया गया। इस पर केंद्र की ओर से कहा गया कि ये नियम भूकंप और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं पर लागू होता है। इसे कोरोना महामारी पर लागू नहीं किया जा सकता।
‘बीमा कंपनियों को 442.4 करोड़ दिए’
केंद्र ने कोर्ट में बताया कि 2019-20 में SDRF के जरिए राज्य सरकारें ज्यादा से ज्यादा 35% फंड का इस्तेमाल कर सकती थीं। लेकिन 2020-21 में इस लिमिट को बढ़ाकर 50% कर दिया गया। केंद्र ने कहा कि 22.12 लाख हेल्थ केयर वर्कर्स को 50 लाख रुपए का बीमा कवर दिया गया। इसके लिए बीमा कंपनियों को 442.4 करोड़ रुपए जारी किए जा चुके हैं।
‘SDRF का पूरा फंड खर्च हो जाएगा’
वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के अनुसार भारत में अबतक कोरोना से करीब 4 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। केंद्र ने कहा कि अगर कोरोना से मरने वाले हर व्यक्ति के परिवार को 4 लाख का मुआवजा दिया जाता है, तो SDRF का पूरा फंड इसी में खर्च हो जाएगा।