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फतेहपुर: एक पत्‍थर ने खत्‍म कर दिया गांव का अस्तित्‍व, जानिए इसके पीछे का राज़  

फतेहपुर: एक पत्‍थर ने खत्‍म कर दिया गांव का अस्तित्‍व, जानिए इसके पीछे का राज़  

फतेहपुर: फतेहपुर में पीएमजीएसवाई (प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण योजना) ठेकेदारों के भरोसे चल रही है। सड़क नवीनीकरण के नाम पर ठेकेदार ने जो रिपोर्ट अधिकारी को दी वही सत्य हो जाती है। मौके पर निरीक्षण न करने से ठेकेदारों की लापरवाही लगातार बढ़ती जा रही है।

बीते दिनों हस्वा विकासखंड के छिछनी गांव में सड़क नवीनीकरण का मामला प्रकाश में आया था, जिसमें ठेकेदार ने मनमर्जी करते हुए बंधवा गांव में छिछनी गांव का पत्थर लगा दिया। अधिशाषी अधिकारी ने भी अपनी मौन स्वीकृति दे दी और सब कुछ ढर्रे पर आ गया।

ठेकेदारों की मनमानी पर अधिकारी भी मौन

जहां एक ओर विभाग के अधिकारी ठेकेदारों पर भरपूर भरोसा करते हैं, तो वहीं ठेकेदार अधिकारियों को खूब ठेंगा दिखाते हैं। मनमानी के बाद ठेकेदार अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए साहब की मिन्नतें करता है, जिसपर साहब भी खानापूर्ति कर ठेकेदार को एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) दे देते हैं। जिले के छिछनी गांव में नवीनीकरण हुई सड़क इसी घालमेल का शिकार हो गयी। ऐसे में ठेकेदार की मनमानी और अधिकारियों की मौन सहमति विभाग की कार्यशैली पर बड़ा सवाल उठा रही है।

छिछनी गांव से हाइवे तक मार्ग का नवीनीकरण दो भागों में किया गया है। पहले चरण में लगभग चार किलोमीटर सड़क का काम हुआ। इसके लिए करीब 35 लाख रुपये के आसपास बजट आया। मार्ग पर दो इंच डामर और गिट्टी डाल कर उसे दबाते हुए नवीनीकरण किया गया। इसके बाद जब माइलस्टोन लगाने की बारी आई तो बंधवा गांव में छिछनी गांव का माइलस्टोन लगाकर गांव की भौगोलिक सीमा ही बदल दी गयी, जबकि यहां से छिछनी गांव करीब डेढ़ किलोमीटर दूर है।

इस बड़ी गलती का अधिकारियों पर फर्क नहीं

ठेकेदार की घोर लापरवाही से गांवों के भौगोलिक स्थितियों में व्यापक परिवर्तन आ गया। इतना ही नहीं बंधवा गांव का तो अस्तित्व ही समाप्त हो गया, जबकि छिछनी गांव डेढ़ किलोमीटर पहले आ गया। इन सबके बीच जिले के अधिशाषी अधिकारी हरीश चंद्र त्रिवेदी इसे बेहद सामान्य मानते हैं जैसे माइलस्टोन में गलती होने से कोई फर्क ही नहीं पड़ता।

शून्य की जगह लिखी जाएगी सही दूरी

अधिशाषी अधिकारी हरीश चंद्र त्रिवेदी ने मामले पर कहा कि, वह बंधवा गांव में लगे छिछनी गांव के माइलस्टोन को सही कराएंगे। जहां शून्य लिखा है, वहां पर गांव की सही दूरी अंकित होगी। लेकिन यहां भी सवाल उठता है कि जो पीछे के माइलस्टोन हैं, उसमें छिछनी गांव एक किलोमीटर दूर दर्शाया गया है। ऐसे में एक किलोमीटर आगे आने के बाद गांव की दूरी कैसे बढ़ जाएगी? इसलिए सभी माइलस्टोन में अंकित दूरी को फिर से लिखना ही विकल्प होगा, जिससे यात्रियों को सही दूरी का ज्ञान हो सके।

निर्माण के समय निरीक्षण होता तो खुलती पोल

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क निर्माण योजना की निगरानी करने के लिए जिले में अधिशाषी अधिकारी और उनके अधीनस्थ अधिकारी कर्मचारी तैनात हैं। जिस समय यह सब हो रहा था उस समय किसी भी अधिकारी ने मौके पर जाकर देखने की जरूरत नहीं समझी की वहां क्या हो रहा है। ठेकेदार ने अपनी दबंगई और प्रभाव से गांव का अस्तित्व ही बदल दिया और बंधवा गांव में छिछनी गांव का माइलस्टोन लगा दिया।

अब अधिशाषी अधिकारी तो साहब ठहरे, न तो उन्होंने कार्य का निरीक्षण किया और न ही अपने अधीनस्थों को मौके पर भेजा। क्योंकि यदि वह या अन्य कोई अधिकारी-कमर्चारी मौके पर निरीक्षण करता तो उन्हें भी यह खामी जरूर नजर आ जाती, लेकिन साहब तो आखिर साहब ठहरे…। ऐसे में जान पड़ता है कि पीएमजीएसवाई का कार्यालय राम भरोसे ही चल रहा है।

“जहां पर छिछनी शून्य किलोमीटर लिखा है, वहां पर डेढ़ किलोमीटर लिखना था। इसके लिए ठेकेदार को कई बार कहा भी गया लेकिन गलती हो गयी। अब जहां पर शून्य लिखा है, वहां पर छिछनी गांव की सही दूरी दर्ज होगी।”

हरीश चंद्र त्रिवेदी, पीएमजीएसवाई, अधिशाषी अधिकारी, फतेहपुर

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