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विश्व साइकिल दिवस भाग-4: बिना बैंड-बाजा और बराती के साइकिल से पहुंचा दूल्हा

विश्व साइकिल दिवस भाग-4: बिना बैंड-बाजा और बराती के साइकिल से पहुंचा दूल्हा

विश्व साइकिल दिवस के मौके पर हम आपको ऐसे लोगों के बारे में बता रहे हैं, जिन्होंने साइकिल की मदद से वो कर दिखाया जो करना हर किसी के बस की बात नहीं है। लॉकडाउन के दौरान जारी प्रतिबंध में भी उन्होंने अपनी आकांक्षाओं को मरने नहीं दिया।

ये किस्सा बिहार के भागलपुर का है। उचकागांव के गौतम कुमार, जिनकी उम्र 24 साल की है। पिछले साल जनवरी में गौतम की शादी बांका जिले के भरतशिला गांव की कुमकुम कुमारी से तय हुई थी। कोरोना की खबर आई तो परिजनों ने शादी को एक साल के लिए टाल दिया।

गौतम की इस साल शादी होनी थी, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर आ गई और फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया। शादी एक बार फिर से टल गई। लेकिन इस बार गौतम ने शादी करने का पूरा मन बना लिया था और उसने सरकार के सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए खुद ही सेहरा पहनकर अकेले ही साइकिल लेकर शादी करने के लिए निकल पड़ा। 24 किलोमीटर का सफर अकेले साइकिल से तय करके गौतम बांका जिले में स्थित अपनी दुल्हन के घर पहुंच गया।

दूल्हे के हौसले को देख दुल्हन के परिजन भी हैरान हो गए और उन्होंने भी पूरी रीति रिवाज के साथ शादी करने का फैसला किया। तुरंत पंडित और नाई बुलाया और उसी दिन शादी की सभी रस्मों के साथ गौतम ने अपनी दुल्हन के साथ सात फेरे लिए। लॉकडाउन में ये एक ऐसी शादी थी, जिसमें न कोई दोस्त, न बैंड़-बाजा और न ही बाराती शामिल हुए। गौतम और कुमकुम सिंपल तरीके से एक दूजे के हो गए।

अगली सुबह फिर से गौतम अपनी दुल्हन को साइकिल पर बैठाकर अपने घर ले आया। गौतम के इस कदम की हर जगह तारीफ हो रही है।

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