लखनऊ। कोरोना की दूसरी लहर के कारण अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं को बंद करने का ऐलान कर दिया गया था। अब कोरोना की रफ्तार जब सुस्त पड़ी है तो एक बार फिर ओपीडी सेवाओं को शुरू करने का आदेश दे दिया गया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद ने बुधवार को जारी आदेश में कहा है कि चार जून से अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं को शुरू कर दिया जाए। इसको लेकर सभी जिलाधिकारियों, मुख्य चिकित्साधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को आदेश दे दिए गए हैं।
अलग से खुलेगी फीवर ओपीडी
चार जून से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी और आईपीडी सेवाओं को शुरू किया जाएगा। हालांकि अस्पतालों में फीवर ओपीडी अलग से चलाई जाएंगी। हालांकि ये स्वास्थ्य केंद्र चिन्हित किए जाएंगे। अगर यहां पर कोई कोविड का मरीज भर्ती है तो उसे एल-2 अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। उसके बाद सैनिटाइजेशन कराकर नॉन कोविड इलाज शुरू किया जाएगा।
प्रसव कार्य शुरू होगा
प्रसव केंद्र पर गर्भवती महिलाओं का प्रसव शुरू कराया जाएगा। गर्भवतियों से जुड़ी सभी जांचें शुरू की जाएंगी। अगर जरूरत पड़ी तो सिजेरियन यानी गर्भवतियों का ऑपरेशन के जरिए भी प्रसव शुरू किया जाएगा।
जिला अस्पतालों में सर्जिकल ओपीडी शुरू होंगी
प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में सर्जिकल ओपीडी सेवाएं शुरू होंगी। मरीजों के सभी ऑपरेशन शुरू होंगे। ऑपरेशन के लिए सभी मरीजों की भर्ती भी शुरू की जाएंगी। हालांकि मरीजों को भर्ती करने से पहले ट्रूनेट जांच के जरिए कोरोना की जांच की जाएगी। उसके बाद ही मरीजों को भर्ती किया जाएगा।
ये सेवाएं भी होंगी शुरू
अस्पतालों में फंगस की जांच के लिए आंखों की जांच की ओपीडी चलाई जा रहीं हैं लेकिन अब इन्हें पूरे अस्पताल के समय के अनुसार संचालित किया जाएगा। ये सेवाएं दो घंटे ही चल रहीं थीं। पोस्ट कोविड इलाज भी किए जाएंगे। इसके लिए फिजिशियन, फिजियोथेरेपिस्ट और मनोचिकित्सकों को रखा जाएगा। साथ ही आदेश दिया गया है कि सभी अस्पतालों स्टॉफ की कमी ना हो। इसको समय रहते सुनिश्वित कर लिए जाने के आदेश दिए गए हैं।