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कहीं ऑनलाइन ठगी का शिकार न बन जाएं, सावधान कर रहा ‘साइ‍बर दोस्त’       

कहीं ऑनलाइन ठगी का शिकार न बन जाएं, सावधान कर रहा ‘साइ‍बर दोस्त’       

लखनऊ: कोविड-19 के दौर में लोगों का पेशा भी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। राजधानी लखनऊ के अलावा अन्य शहर के तमाम लोग बेरोजगार भी हो चुके हैं। ऐसे में लोगों की परेशानियों का फायदा साइबर ठग उठा रहे हैं।

ठग बेरोजगार हो चुके लोगों को जॉब का प्रलोभन देकर उनके मोबाइल और ई-मेल पर मैसेज भी भेज रहे हैं। फिर सिक्योरिटी मनी और रजिस्ट्रेशन फीस जमा करने के बहाने उनकी रकम हड़प लेते हैं।

इन घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए गवर्नमेंट ऑफ इंडिया साइबर क्राइम पोर्टल के टि्वटर हैंडल ‘साइबर दोस्त’ ने जालसाजी से बचने के लिए लोगों को चेतावनी दी है। हालांकि, जिले में हर दूसरे दिन जालसाज लोगों का अपना शिकार बना रहे हैं।

ट्रेनिंग का देते झांसा

दरअसल, साइबर दोस्त के टि्वटर हैंडल पर हैश टैग कर लिखा गया है कि, जालसाज प्रतिष्ठित फर्म या ऑर्गेनाइजेशन के नाम पर नौकरी का लालच दे रहे हैं। ऐसे में जालसाज बेरोजगार लोगों को नौकरी से पहले ट्रेनिंग देने का भी झांसा देते हैं। इसके बाद वह रजिस्ट्रेशन चार्ज के नाम पर पैसे की डिमांड करते हैं। रजिस्ट्रेशन जमा होने के बाद भी वह लगातार फ्रॉड करते हैं।

इस तरह करते हैं फ्रॉड

खासतौर पर साइबर ठग लो इंटरेस्ट लोन दिलवाने के बहाने या बैंक अकाउंट डिटेल भेज कर ठगी करते हैं। जबकि शादी के नाम पर बोनस विड्रोल, फ्री मोबाइल डाटा, ऑनलाइन शॉपिंग, ऑफर, लकी ड्रॉ जैसा झांसा देकर लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। इसके बाद लोगों की गाढ़ी कमाई हजम कर जाते हैं।

ऑडियो क्लिप से संदेश

साइबर फ्रॉड से बचने के लिए गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के साइबर पोर्टल पर भी तरह-तरह के निर्देश दिए जा रहे हैं। वहीं, जालसाजी से बचने के लिए ई-मेल स्कैम और फिशिंग, पहचान की चोरी, अश्लील सामग्री, ऑनलाइन घोटाला या फ्रॉड, साइबर बदमाशी जैसे अपराधों से बचने के लिए ऑडियो क्लिप के जरिए लोगों को चेतावनी भी दी जा रही है। जालसाजी का शिकार हुए लोगों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर दिया गया है, जिसमें ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

बच्चों के लिए इंटरनेट सुरक्षा टिप्स

नाबालिगों को अपराध प्रवृति से मोड़ने के लिए साइबर पोर्टल पर बच्चों के लिए इंटरनेट सुरक्षा टिप्स दिए गए हैं। जिसमें इंटरनेट के कम इस्तेमाल से लेकर, गोपनीय पासवर्ड और अभिभावकों को बच्चों पर निगरानी रखने के लिए तमाम प्रकार की युक्तियां दी गई हैं, जिससे पढ़ने-लिखने वाली उम्र में बच्चों के अंदर अपराध की प्रवृत्ति न पनप पाए।

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