नई दिल्ली। भारत के अपने पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते नहीं हैं। आए दिन सीमा पर सेनाओं के बीच तनाव की स्थिति बनी रहती है। जिसके चलते भारत इस समय अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत करने में लगा हुआ है। इसके साथ ही भातर, चीन के साथ हुए सीमा विवाद के बाद आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने में लग गया है। जिसके चलते आए दिन किसी न किसी मिसाइइल का परीक्षण किया जाता रहता है। इसी बीच आज मोदी सरकार ने बुधवार को रक्षा क्षेत्र में बड़ा फैसला लेते हुए आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्यात को मंजूरी दे दी है। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आकाश मिसाइल का निर्यात किया जाने वाला संस्करण भारत सरकार के पास तैनात मौजूदा आकाश मिसाइल वर्जन से अलग होगा।
‘आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना’ पर 22,810 करोड़ रुपये के व्यय को मंजूरी-
बता दें कि मोदी सरकार ने बुधवार को रक्षा क्षेत्र में बड़ा फैसला लेते हुए ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा देने के लिए आकाश मिसाइल सिस्टम के निर्यात को मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा कि आत्म-निर्भर भारत तहत भारत अपनी रक्षा प्लेटफार्मों और मिसाइलों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि कर रहा है। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने आकाश मिसाइल प्रणाली के निर्यात को मंजूरी दे दी और इसके निर्यात की तेजी से मंजूरी के लिए एक समिति का गठन किया। इस महीने की शुरुआत में मोदी सरकार ने नई ‘आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना’ पर 22,810 करोड़ रुपये के व्यय को मंजूरी दी। इस योजना का मकसद महामारी के दौर में कंपनी जगत को नयी नियुक्तियों के लिए प्रोत्साहित करना है। आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना को मंजूरी प्रदान की गई।
‘आत्म निर्भर’ भारत को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही मोदी सरकार-
गौरतलब है कि मोदी सरकार लगातार हर क्षेत्र में ‘आत्म निर्भर’ भारत को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। ताकि, देश में अधिक रोजगार के अवसर के साथ ही निवेश का मौका भी बढ़े। मोदी सरकार की तरफ से रक्षा क्षेत्र में भी भारी निवेश किया गया है। कई तरह की चीजों के आयात पर रक्षा क्षेत्र में भी बैन लगाया गया है, ताकि देश के अंदर ही उन सभी चीजों का उत्पादन किया जा सकते और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा दिया जा सके।