नई दिल्ली। जैसा की आप सभी जानते हैं कि कोरोना महामारी ने देश को ही नहीं बल्कि पूरे विश्व को पनी चपेट में ले लिया है। कोरोना की मार से कोई भी देश बच नहीं पाया है। आए दिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही सभी देश कोरोना वैक्सीन निर्माण में लगे हुए हैं। इसी बीच ब्रिटेन से खबर आ रही है कि ब्रिटेन में ऑक्सफोर्ड और एस्ट्रोजेनिका की वैक्सीन को ‘इमरजेंसी इस्तेमाल’ इस्तेमाल के लिए किसी भी वक्त मंजूरी मिल सकती है। मंजूरी मिलने के बाद चार जनवरी से ब्रिटेन में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। भारत में यही वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट बड़े पैमाने पर बना रहा है। ऑक्सफोर्ड और एस्ट्रोजेनिका की वैक्सीन को भारत में भी जल्द मंजूरी मिल सकती है। भारत अगर ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनका की वैक्सीन को इजाजत देता है तो ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा।
ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनका वैक्सीन के डाटा का परीक्षण चल रहा-
बता दें कि कोरोना वैक्सीन बनाने की होड़ में सभी देश लगे हुए हैं, लेकिन अभी तक कोई साफ असर नहीं दिखाई दे रहा है। वहीं दूसरी तरफ ब्रिटेन में कोरोना का नया स्ट्रोन फैलने से लोगों की हलचलें फिर से तेज हो गई हैं। ब्रिटेन में अभी भी ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनका वैक्सीन के डाटा का परीक्षण चल रहा है। सीरम इंस्टीट्यूट के अलावा भारत सरकार फाइजर और भारत बायोटेक के आवेदन पर भी विचार कर रही है। फाइजर की वैक्सीन के अमेरिका और ब्रिटेन समेत कुछ और देशों में मंजूरी मिल चुकी है। लेकिन फाइजर ने भारत में अभी तक ट्रायल की शुरुआत भी नहीं की है। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रेजेनका की वैक्सीन को भारत जैसे विकासशील देश के लिए बेहद मुफीद माना जा रहा है। इसके साथ ही भारत के गर्म वातावरण के हिसाब से भी यह वैक्सीन सस्ती है। इस वैक्सीन को स्टोर करने के लिए भी विशेष इंतजाम नहीं करने पड़ते हैं। इसे फ्रिज के सामान्य तापमान पर भी रखा जा सकता है।
ये वैक्सीन ज्यादा असरदार साबित हुई-
ऑक्सफोर्ड एस्ट्राजेनेका के साथ मिलकर कोविड-19 महामारी के खिलाफ वैक्सीन का निर्माण कर रही है। अंतिम चरण के मानव परीक्षण के अंतरिम नतीजे में वैक्सीन को अधिक प्रभावी पाया गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि दो खुराक की तुलना में एक पूरी खुराक के बाद आधा खुराक दिया गया, तो वैक्सीन ज्यादा असरदार साबित हुई। हालांकि नतीजों की पुष्टि करने के लिए अभी और रिसर्च करने की जरूरत है। वहीं कंपनी ने पहले और दूसरे चरण के मानव परीक्षण के नतीजे जारी कर दिए गए हैं। उसमें आधा खुराक या पूरा खुराक का हवाला नहीं दिया गया है।