अयोध्या। राममंदिर और बाबरी मस्जिद का विवाद कई सौ वर्ष पुराना था। जो सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद खत्म हो चुका है। जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सरकार ने मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन अलग से दी है। वहीं मंदिर विवादित जगह पर ही बनाया जाएगा। इसके साथ ही राममंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। वहीं दूसरी तरफ मस्जिद का भी डिजाइन लाॅन्च किया जा चुका है। मस्जिद की नींव 26 जनवरी को रखी जाएगी। जानकारी के लिए बता दें कि मस्जिद का निर्माण शुरू होने से पूर्व ही उस पर विवाद शुरू हो गया है। बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल अंसारी ने मस्जिद के डिजाइन पर सवाल उठाए हैं। अंसारी का कहना है कि मस्जिद का डिजाइन विदेशों की तर्ज पर है। इकबाल ने कहा कि हम भारत के लोग हैं और हम भारतीय शैली पर बनी मस्जिद को स्वीकार करेंगे।
मस्जिद को अगले दो साल में बनाकर पूरा करने का लक्ष्य-
बता दें कि मस्जिद कॉम्पलेक्स के कंसलटेंट ऑर्किटेक्ट प्रो. एसएम अख्तर ने इसे अंतिम रूप दे दिया है। मस्जिद परिसर में एक मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल, एक सामुदायिक रसोई और एक पुस्तकालय होगा। प्रो. अख्तर ने बताया था, ”मस्जिद में एक समय में 2,000 लोग नमाज अदा कर सकेंगे और इसका ढांचा गोलाकार होगा। अख्तर ने कहा कि नई मस्जिद बाबरी मस्जिद से बड़ी होगी, लेकिन उसी तरह का ढांचा नहीं होगा। परिसर के मध्य में अस्पताल होगा। डिजाइन के मुताबिक मस्जिद में गुम्बद नहीं होगा। परिसर में मस्जिद के अलावा म्यूजियम, अस्पताल, लाइब्रेरी और कम्युनिटी किचन बनाया जाएगा। मस्जिद की इमारत गोली होगी। इस मस्जिद को अगले दो साल में बनाकर पूरा करने का लक्ष्य है। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (आईआईसीएफ) नक्शा पास होने और स्वायल टेस्टिंग के हिसाब से मस्जिद निर्माण की तारीख तय करेगा। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने जमीन पर मस्जिद, अस्पताल, म्यूजियम सहित अन्य चीजें विकसित करने के लिए आईआईसीएफ ट्रस्ट बनाया है।