नई दिल्ली। किसानों का आंदोलन आज 19वें दिन भी जारी है। किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली के चारों ओर डेरा डाले हुए हैं। इसके साथ ही आज किसानों ने कृषि कानून के विरोध में एक दिन के लिए अनशन पर बैठ गए हैं। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगे पूरी नहीं करती तब तक वह यहीं डटे रहेंगे। इसी बीच आज फिक्की के वार्षिक सम्मेलन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘हमारे कृषि क्षेत्र के खिलाफ प्रतिकूल कदम उठाने का कोई सवाल ही नहीं है। हाल के सुधारों को भारत के किसानों के सर्वोत्तम हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। दूसरी तरफ कृषि मामलों पर ‘ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स’ (GOM) की बैठक खत्म हो गई है। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और गृह मंत्री अमित शाह मौजूद रहे।
राकेश टिकैत ने हाइवे से प्रदर्शनकारियों को उठाया-
बता दें कि किसानों का धरना प्रदर्शन जारी है। यह दिनों दिन उग्र होता जा रहा है। सरकार और किसानों के बीच हुई कई दौर की बातचीत में भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। इसके साथ ही गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह 11 बजे कुछ प्रदर्शनकारी नेशनल हाइवे 24 पर धरने पर बैठ गए, जिसके चलते यहां एक लंबा जाम लग गया था। लेकिन कुछ देर बाद ही प्रदर्शनकारियों को सड़कों से हटवा दिया गया। दरअसल कृषि कानून के खिलाफ नाराजगी जताते हुए प्रदर्शनकारियों का एक गुट फिर से सड़कों पर उतर आया। हालांकि भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत प्रदर्शनकारियों का गुस्सा देख उन्हें समझाने के लिए उनके पास पहुंचे और उनसे अपील की कि आप सभी सड़क से उठ जाएं। कृषि कानूनों के खिलाफ जयसिंहपुर खेड़ा (राजस्थान-हरियाणा) बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पपेट शो आयोजित किया। पपेट कलाकार ने बताया कि कठपुलती के माध्यम से मैं किसानों की बात कहना चाहता हूं कि तीनों कानूनों को खत्म करो।
जिद पर अड़े रहने से समाधान नहीं होता- कैलाश चौधरी
इसी बीच केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा, ‘किसी भी काम या आंदोलन को लेकर जिद पर अड़ जाने से समाधान नहीं होता है। समाधान निश्चित रूप से मिल बैठकर निकलता है। मैं किसान भाईयों से आग्रह करूंगा कि भारत सरकार आपके साथ बैठने के लिए तैयार है। वहीं दूसरी तरफ बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री और राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां किसान आंदोलन को हवा दे रही हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि किसान और सरकार की वार्ता जल्द ही असर दिखाएगी और आंदोलन खत्म होगा।