किसानों के आंदोलन का आज 13वां दिन है. आज किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया है. सरकार और किसानों के बीच में पांच दौर की बैठके हो चुकी हैं लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है.
वहीं अब डॉक्टर्स भी सरकार से नाराज हो गये हैं. डॉक्टर्स भी अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले हैं. देश भर में आधुनिक चिकित्सा डॉक्टर्स आज 10 हजार से ज्यादा सार्वजनिक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन करने वाले हैं. इस अधिसूचना के तहत स्नातकोत्तर आयुर्वेद सर्जरी के छात्रों को भी आधुनिक चिकित्सा और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं का अध्ययन करने और अभ्यास करने की मंजूरी दी गई है. इसी वजह से देश भर के डॉक्टर खफा हैं.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा है कि देश भर के आधुनिक चिकित्सा डॉक्टर संशोधन की अधिसूचना का विरोध करेंगे जो स्नातकोत्तर आयुर्वेद के छात्रों को आधुनिक चिकित्सा, शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं और तकनीकों का अध्ययन और अभ्यास करने की अनुमति देता है.
प्रदर्शन से क्या होगा प्रभावित?
आईएमए ने कहा कि 8 दिसंबर को 10 हजार से ज्यादा सार्वजनिक स्थलों पर सड़कों पर उतरेंगे. सभी आपातकालीन सेवाएं और श्रम कार्य करते रहेंगे. हालांकि ओपीडी सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी और ऐच्छिक सर्जरी की तैनाती नहीं होगी.
ये प्रदर्शन दोपहर 12 बजे और दोपहर 2 बजे के बीच छोटे समूहों में किए जाएंगे. जिसमें सभी COVID प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा. आईएमए ने कहा कि ये मौन और शांतिपूर्ण होगा.
सीसीआईएम अधिसूचना क्या है?
आयुष मंत्रालय के तहत नियामक संस्था सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन (सीसीआईएम) ने एक अधिसूचना निकाली है, जिसमें आयुर्वेद में स्नातकोत्तर छात्रों को ‘ शाल्या ‘ (जनरल सर्जरी) और ‘ शालकया ‘ (आंख, कान, नाक, गला, सिर, गर्दन और दंत चिकित्सा से निपटने) के लिए कुल 58 सर्जिकल प्रक्रियाओं को अंजाम देने की अनुमति दी गई है.
यह भी पहला मामला नहीं है जहां आईएमए ने सरकार के साथ ऐसा किया है. इससे पहले भी आईएमए ने रोकथाम के लिए आयुर्वेद और योग पर आधारित सरकार के कोविड-19 क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल के वैज्ञानिक आधार के साथ-साथ कोविड-19 के स्पर्शोन्मुख और हल्के मरीजों के इलाज पर सवाल उठाए थे.