देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत उत्तराखंड की उन्नति के लिए हमेशा अग्रसर रहते हैं। उनके द्वारा कोरोना महामरी में लगे लॉकडाउन की वजह से वापस अपने घर लौटे मजदूरों को काम दिलाने के लिए भी अथक प्रयास किए है और वे अपने वादों पर खरे उतरे। इसके साथ किसानों की जीविका बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई गई जिससे उन्हें अधिक आय हो। राज्य की उन्नति के लिए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत किसानों के साथ-साथ बेरोजगार युवाओं के लिए भी एक योजना लेकर आए हैं। जिसके तहत बेरोजगार युवाओं को तीन लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त कर्जा दिया जाएगा। इस योजना की शुरूआत 21 नवंबर को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ऊधमसिंह नगर से करेंगे। क्योंकि युवा ही देश या राज्य की रीढ़ की हड्डी होते हैं। युवाओं के द्वारा ही उनके देश और राज्य को पहचान मिलती है।
इस दिन से बेरोजगार युवाओं कराया जाएगा कर्जा उपलब्ध-
बता दें कि उत्तराखंड सहकारिता विभाग अब किसानों के साथ ही बेरोजगार युवाओं को भी तीन लाख रुपये तक का ब्याज मुक्त कर्ज देगा। बुधवार को विधानसभा में समीक्षा बैठक में सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि 21 नवंबर के बाद अन्य जिलों में भी यह कर्ज युवाओं को उपलब्ध कराया जाएगा। बैठक में दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना की प्रगति, बकाया ऋण वसूली, पैक्स कंप्यूटराइजेशन, पैक्स कैडर सचिव सेवा नियमावली सहित जिला सहकारी बैंकों में रिक्त पदों को भरने आदि पर भी बात हुई।
एनपीए की दर पांच प्रतिशत से कम करने के लिए वित्तीय वर्ष 2018 तक के बकाया ऋण वसूली के लिए विभाग ने 25 नवंबर से 25 दिसंबर तक सघन अभियान चलाने का फैसला लिया। मंत्री के मुताबिक पूर्व में जिन बैंक अफसरों ने ऋण वितरण किया, उन्हीं को ऋण वसूली की जिम्मेदारी दी गई है।
बैठक में ये लोग रहे मौजूद-
ऋण वसूली में असमर्थ रहने पर अधिकारी की प्रोन्नति सहित अन्य सुविधाएं रोकने का निर्देश भी दिया गया है। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि ऋण वसूली अभियान में सेवानिवृत्त बैंक अधिकारी व सचिवों को भी शामिल किया जाएगा। बैठक में अपर सचिव सहकारिता धीरेंद्र सिंह दताल, निबंधक सहकारिता बीएम मिश्रा, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, आनंद शुक्ला, उप निबंधक मान सिंह सैनी, महाप्रबंधक राज्य सहकारी बैंक केएस बिष्ट सहित कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। युवाओं को आगे बढ़ाना हर राज्य का कर्तव्य होना चाहिए। क्योंकि युवा ही देश का भविष्य है।