featured देश

एमब्रेयर सौदे में सीबीआई जांच के अनुरूप कार्रवाई होगी : पर्रिकर

manohar parikar एमब्रेयर सौदे में सीबीआई जांच के अनुरूप कार्रवाई होगी : पर्रिकर

नई दिल्ली| अमेरिकी और ब्राजीलियाई प्रशासन के साथ ब्राजीलियाई एरोस्पेस समूह एमब्रेयर की सुलह की घोषणा के एक दिन बाद भ्रष्टाचार मामले में उसके खिलाफ चल रही जांच के संबंध में रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि सीबीआई जांच के आधार पर यहां निर्णय लिया जाएगा। एमब्रेयर ने उसके खिलाफ भ्रष्टाचार मामले में चल रही जांच के बारे में सोमवार को घोषणा की थी कि अमेरिकी और ब्राजीलियाई प्राधिकारियों के साथ उसका एक समझौता हो गया है।

manohar-parikar

समझौते की शर्तो के मुताबिक एमब्रेयर प्राधिकारियों को 20.6 करोड़ डॉलर देगी और शर्तो का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए एक बाह्य और स्वतंत्र निगरानी भी होगी।इस बीच एमब्रेयर की आंतरिक जांच में पुष्टि हुई है कि साल 2007 से 2011 के बीच सऊदी अरब, भारत, मोजाम्बिक और डोमिनिक गणराज्य में हुए चार हस्तांतरणों में हेराफेरी के लिए कंपनी जिम्मेदार है।समझौता के बारे में पूछे जाने पर रक्षामंत्री ने स्पष्ट किया कि भारत अपने कानूनों के तहत आगे बढ़ेगा।

पर्रिकर ने यहां नौसेना कमांडरों के सम्मेलन के इतर कहा, “अमेरिकी कानून भारतीय कानून से अलग है। अमेरिकी कानूनों के तहत आपराधिक मामलों में भी सुलह हो जाती है. अधिकांश भारतीय कानूनों के तहत आपराधिक मामलों में सुलह नहीं होती है, बशर्ते कि अपराध बहुत ही छोटे श्रेणी के नहीं हों।एमब्रेयर से खरीदे गए तीन ईआरजे 145 विमानों के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर रक्षामंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय जरूरत एक प्राथमिकता है।

उन्होंने यह भी उजागर किया कि कंपनियों को काली सूची में डालने के संबंध में रक्षा मंत्रालय शीघ्र एक नई नीति की घोषणा करने जा रहा है।मंत्री ने कहा, “मूल अवधारणा है कि अगर कोई रिश्वत की लेन-देने जैसा अपराध कर रहा है तो उस पर प्रतिबंध लगाकर उसे दंडित किया जाना चाहिए, लेकिन ऐसा करते समय प्रतिबंध की सीमा राष्ट्रीय सुरक्षा जरूरत पर आधारित होगी।

Related posts

देर रात चली उद्धव, आदित्य ठाकरे और शरद पवार के बीच बातचीत, जाने कौन बनेगा सीएम

Rani Naqvi

उत्तराखण्डःआपदा से हुई क्षति के लिए ‘लार्सन एंड टर्बो लिमिटेड’ ने मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की भारी धनराशि

mahesh yadav

रमेश पोखरियाल ने कहा कि वेद-पुराणों पर नये शोध करने की जरूरत है

Trinath Mishra