उत्तराखंड में स्कूल खोले जाने की कवायद तेज़ हो गयी हैं। 15 अक्तूबर से स्कूल खोले जाने की छूट केंद्र की और से राज्यों को पहले ही दे दी गयी हैं। स्कूल खोले जाने को लेकर निजी संचालक भी अब तैयार हैं, लेकिन उन्होंने अपनी कुछ शर्ते रखी हैं। बुधवार को शिक्षा सचिव के साथ हुई बैठक में निजी स्कूलों के संचालक या प्रतिनिधियों ने कहा कि वे 15 अक्तूबर से दिए गए दिशा-निर्देश के तहत स्कूल खोलने को तैयार हैं। उन्होंने अपनी मांग या शर्त रखते हुए कहा कि स्कूल खोलने के एक हफ्ते बाद वह ऑनलाइन पढ़ाई बंद कर देंगे।
स्कूलों ने रखी 5 शर्त
शिक्षा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम की अध्यक्षता में बुधवार को डीएम, मुख्य शिक्षा अधिकारी की मौजूदगी में स्कूलों के प्रतिनिधियों साथ वर्चुअल बैठक हुई। इस दौरान प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन की ओर से सरकार के सामने स्कूलों अपनी 5 शर्तें रखी गई।
स्कूल खोलने पर जताई सहमति
अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने कहा कि शिक्षा सचिव ने उनसे पूछा कि, क्या वे स्कूल खोलने को एक हफ्ते में तैयार हो सकते हैं? इस पर सभी स्कूलों ने सहमति जताते हुए कहा, कोरोना को लेकर जारी दिशा निर्देश का पालन करते हुए वे स्कूल खोलेंगे।
स्कूल खुलने के 1 हफ्ते बाद नहीं होगी ऑनलाइन पढाई
अध्यक्ष प्रेम कश्यप ने कहा,15 अक्तूबर से नौवीं से 12वीं तक के स्कूल खोले जाने को लेकर स्कूलों ने सहमति जताई हैं। इसके एक हफ्ते तक ऑनलाइन पढ़ाई होगी, मगर उसके बाद ऑनलाइन नहीं पढाई बंद कर दी जायेगी और अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजना होगा।
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स्कूलों द्वारा रखी गयी 5 शर्त-
- स्कूल खोलने के एक सप्ताह बाद ही ऑनलाइन पढ़ाई बंद कर दी जायेगी।
- स्कूल खुलने पर जो फीस नहीं देंगे, 1 अक्तूबर से लेट फीस देनी होगी
- स्कूल आते वक्त अभिभावकों को लिखकर देना होगा कि बच्चे की सुरक्षा के लिए ‘मैं जिम्मेदार हूं।’
- बच्चे को कोरोना होता है तो अध्यापक, प्रधानाध्यापक या प्रबंधन के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जायेगी।
- निजी स्कूलों के शिक्षकों को भी कोरोना वॉरियर्स घोषित किया जाये।