- भारत खबर || नई दिल्ली
नागोर्नो-काराबाख Nagorno-Karabakh में आर्मीनिया और अजरबैजान के बीच गुरुवार से ही भीषण जंग जारी है। दोनों देशों के बीच बेहद गहमागहमी का माहौल है मानव की जैसे दोनों देश एक दूसरे को तहस-नहस करने के लिए आतुर हैं । सूत्रों के मुताबिक पता चला है कि आईएसआईएस के 300 आतंकी तुर्की के गजिआनटेप के रास्ते नागोर्नो-काराबाख मैं जा पहुंचे हैं।
इस प्रकरण को लेकर फ्रांस के राष्ट्रपति इम्मैनुअल मैक्रान President Emmanuel Macran ने तुर्की पर जोरदार प्रहार किया है। इम्मैनुअल मैक्रान का कहना है कि कि नाटो सदस्य के रूप में तुर्की का व्यवहार घृणित हो गया है और उसने लक्ष्मण रेखा को भी पार कर दिया है। उनका कहना है कि ISIS के 300 से ज्यादा इस्लामिक आतंकी तुर्की के गजिआनटेप के रास्ते नागोर्नो-काराबाख पहुंचे हैं। गौरतलब है कि नागोर्नो-काराबाख Nagorno-Karabakh में आर्मीनिया और अजरबैजान के भीषण जंग जारी है।
फ्रांस के राष्ट्रपति ने ब्रसेल्स का कहना है कि ‘यह बिल्कुल पुष्ट तथ्य है। इन लोगों की पहचान की गई है और उन्हें खोज निकाला गया है। इन सभी के तार कुख्यात आतंकी संगठन ISIS से जुडे़ हुए हैं।’ उन्होंने कहा कि यह व्यवहार बेहद अभद्रता पूर्ण है। उन्होंने सीमा कार कार अंदर घुसने की कोशिश की है। तुर्की आतंकियों को भरपूर पैसा देकर उनसे आतंकवाद की घटनाओं को अंजाम दिलवा रहे हैं।
सूचना के मुताबिक पता चला है कि ये खूंखार आतंकवादी 22 सितंबर तुर्की के रास्ते तुर्की के रास्ते अजरबैजान की राजधानी बाकू पहुंचे थे। बताते चलें कि इन भारी हथियारों से लैस इन आतंकवादियों की तादाद करीब 1 हजार बताई जा रही है। राष्ट्रपति का कहना है कि तुर्की के इस मिशन में पाकिस्तान भी मदद कर रहा है। सूचना के मुताबिक पता चला है कि तुर्की इन आतंकवादियों को 1500 से 2000 डॉलर की सैलरी देकर बड़ी से बड़ी आतंकवाद की घटनाओं को अंजाम दे रहा है। इस मामले की जांच की जा रही है।