अहमदाबाद। वर्ष 2002 के गुलबर्ग सोसायटी नरसंहार से जुड़े मामले में एसआईटी की विशेष अदालत ने शुक्रवार को कुल 24 में से 11 दोषियों को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है, जबकि एक दोषी को 10 साल और शेष 11 दोषियों को सात-सात कैद की सजा दी गई है।
गुलबर्ग सोसाइटी के मामले में कोर्ट ने 66 आरोपियों में से 24 को दोषी ठहराया था और 36 को बरी कर दिया था। इस मामले में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी समेत 69 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इससे पहले अभियोजन पक्ष ने सभी 24 दोषियों द्वारा जेल में बिताई गई अवधि का ब्यौरा सौंपा जो कि अदालत ने मांगा था।
अदालत ने दो जून को इस मामले में हत्या और अन्य अपराधों के लिए 11 व्यक्तियों को दोषी ठहराया था जबकि विहिप नेता अतुल वैद्य सहित 13 अन्य पर कम गंभीर अपराधों के आरोप लगाए थे। साथ ही अदालत ने मामले में 36 अन्य लोगों को बरी कर दिया था।
गुलबर्ग सोसायटी कांड एक दिन पहले गोधरा के करीब साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के एक कोच को आग लगाए जाने की वीभत्स घटना का परिणाम था, जिसमें 58 लोग ट्रेन में जिंदा जल गए। इस घटना के एक दिन बाद 28 फरवरी, 2002 को हजारों लोगों की भीड़ ने चमनपुरा इलाके में स्थित गुलबर्ग हाउसिंग सोसायटी पर हमला किया और इसके 69 बांशिदों को मौत के घाट उतार दिया था। सोसायटी में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग रहते थे। रोंगटे खड़े कर देने वाली इस घटना में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 69 लोग बेमौत मारे गए थे।