लद्दाख की गलवान घाटी पर 15 जून को जो खून संघर्ष हुआ था। उसने भारत और चीन के बीच संवेदनशील हालात पैदा कर दिए हैं। हालाकि मामले की गंभीरता को देखते हुए दोनों देशों के अधिकारियों के द्वारा बातचीत की जा रही है। लेकिन इसके बाद भी हालत जैसे के तैसे बने हुए हैं। दोनों तरफ की सेना ने अपने-अपने हथियार एलएसी पर तैनात कर दिए हैं।
बॉर्डर के उसपार अपने इलाके में चीन ने कई बेस तैयार किए हैं जहां से उसके लड़ाकू विमान रोज उड़ान भर रहे हैं। चीन की ओर से खतरे को देखते हुए भारत का एयर डिफेंस सिस्टम अलर्ट कर दिया गया है। दुश्मन ने अगर भारतीय एयरस्पेस में घुसने की कोशिश की या फिर मिसाइल से हमला किया तो उसे माकूल जवाब मिलेगा।
आकाश मिसाइल सिस्टम में ऐडवांस्ड कम्प्यूटर और एक इलेक्ट्रो-मेकेनिकल ऐक्टिवेटर लगा है। यह ‘राजेंद्र’ नाम के रडार से सिग्नल लेकर निशाना साधती है। ‘राजेंद्र’ में कई ऐडवांस्ड फीचर्स हैं जैसे वह अपनी रेंज में 64 टारगेट्स को ट्रैक कर सकता है। यह एक साथ चार निशानों की तरफ 8 मिसाइलें छोड़ने में सक्षम है।भारतीय वायुसेना ने मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिया है। अब पूरे सेक्टर में एडवांस्ड क्विक रिएक्शन वाली सतह-से-हवा में मार करने वाली मिसाइल डिफेंस सिस्टम मौजूद है जो पीएलएएफ के किसी भी फाइटर जेट को कुछ ही सेकेंड्स में तबाह कर सकता है।
पिछले दो हफ्तों में चीनी वायुसेना ने सुखोई-30 और अपने स्ट्रेटीजिक बॉम्बर्स को एलएसी के पीछे तैनात किया है। उन्हें एलएसी के पास 10 किलोमीटर के दायरे में उड़ान भरते देखा गया है। जिसके बाद एयर डिफेंस सिस्टम की तैनाती का फैसला हुआ। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, ‘सेक्टर में बदलते हालात के बीच, इंडियन आर्मी और इंडियन एयरफोर्स, दोनों के एयर डिफेंस सिस्टम तैनात कर दिए गए हैं ताकि चीनी एयरफोर्स या पीएलएचॉपर्स की किसी गलत हरकत से निपटा जा सके।’
आर्मी ने पूर्वी लद्दाख में ‘आकाश’ मिसाइलें भी भेजी हैं जो किसी भी तेज रफ्तार एयरक्राफ्ट या ड्रोन को सेकेंड्स में खाक कर सकती हैं। इसमें कई मॉडिफिकेशंस और अपग्रेड किए गए हैं ताकि इसे पहाड़ी इलाकों में भी उसी एक्युरेसी के साथ यूज किया जा सके। भारत को जल्द ही रूस से एस-400 मिलने वाला है। उसके बाद भारत पूरे इलाके की आसानी से हवाई निगरानी कर सकता है।
पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान पहले से ही काफी सक्रिय हैं।
भारत और चीन दोनों ही देशों ने अपनी शक्ति दिखाने के लिए एलएसी पर मिसाइले लगा दी हैं। हालाकि ममाले को सुलझाने के लिए बातचीत का सहारा लिया जा रहा है।