featured भारत खबर विशेष

सावधान आज रात होगी उल्का पिंड की बारिश,जानिए कहां और कैसे होगी उल्का बारिश?

ulka 1 सावधान आज रात होगी उल्का पिंड की बारिश,जानिए कहां और कैसे होगी उल्का बारिश?

जहां एक तरफ पूरी दुनिया महामारी कोरोना की मार झेल रही है और इससे निबटने के लिए दिन रात लगी हुई है। वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसी आसमानी घटनाएं भी घट रहीं हैं। जो नये -नये सवालों को जन्म दे रही हैं।

ulka 2 सावधान आज रात होगी उल्का पिंड की बारिश,जानिए कहां और कैसे होगी उल्का बारिश?
29 अप्रैल को दुनिया भर में उल्का पिंड के गिरने की बातें हो रहीं थी। बड़े-बड़े वैज्ञानिक इसके गिरने और तबाही मचाने के दावे कर रहे थे।

बात तो यहां तक हो रही थी कि, अगर एवरेस्ट से बड़ा ये उल्का पिंड गिर गया तो दुनिया तबाह हो जाएगी।

लेकिन जैसे के पहले से ही उम्मीद की जा रही थी कि, उल्का पिंड पृथ्वी पर नहीं गिरेगा ऐसा ही हुआ।

लेकिन अब आप उल्का पिंड की बारिश दे ख सकते हैं। जीं हां उल्का पिंड की बारिश होने वाली है।

आसमान में सुंदर घटना के घटित होने के बारे में आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान एरीज के खगोल वैज्ञानिक डॉ. शशिभूषण पांडे का कहना है कि, आसमान में जलती उल्काओं की बारिश होने वाली है जिसे हम सब 3 दिन तक दे पाएंगे।

यह खगोलीय घटना बहुत ही सुंदर होगी जिसे लोग खुली आंखों से देख सकेंगे। माना जा रहा है कि, यह घटना 1 घंटे तक होगी जिसमें 50 तक उल्का वृष्टि देखे जा सकते हैं।

खूबसूरत नजारे का क्षेत्र मंगल ग्रह के ऊपर की तरफ होगा और इसे रात 2 बजे से सूर्योदय होने से पहले आसानी से देखा जा सकेगा।

बताया गया कि, आसमान में यह आतिशबाजी का सिलसिला 19 अप्रैल से शुरू हुआ और 28 मई तक इसी तरह जारी रहेगा। इस दौरान आसमान बहुत ही सुंदर नजर आएगा।
कैसे और क्यों होती है उल्का बारिश?

जब कोई धूमकेतु सूर्य का चक्कर लगाते समय धरती के पास से गुजरता है। तब वह अपने पीछे छोटे-छोटे कंक्कड़ व धूल मिट्टी छोड़ जाते हैं। पृथ्वी छोड़े गए इस मलवे के बीच से होकर जब गुजरती है तो उल्काएं जलकर आतिश के समान नजर आती हैं। खगोल विज्ञान की दृष्टि में यह सामान्य खगोलीय घटना होती है। इसलिए आपको घबराने की जरूरत नहीं नहीं हैं।

पत्थरों की बारिश का पृथ्वी पर क्या असर पड़ेगा?

वैसे तो आए दिन उल्काओं की बरसात होती रहती है। पिंडो की बारिश से पृथ्वी में गड्ढे ही गड्ढे होते हैं। पथ्वी पर हो रही पत्थरों की बारिश को को वातावरण की बारिश रोकती है। और आसमान से आने वाली उल्काओं का खाक में मिला देती है।

https://www.bharatkhabar.com/know-why-press-freedom-day-is-celebrated-on-3-may-when-it-was-started/
तो देखा आपने किस तरह से ये आसमानी घटना घटती है। वैसे उल्का की बारिश का पथ्वी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इस घटना को आप से रात दो बजे से देख सकते हैं।

Related posts

नेशनल कांफ्रेंस के प्रवक्ता जुनैद आजीम मट्टू ने पार्टी से दिया इस्तीफा

rituraj

ऑक्सीजन संकट के बीच पति के मुंह में सांस देती रही महिला, नहीं बची जान

Aditya Mishra

महाराणा प्रताप महाविद्यालय को राजकीय दर्जा दिलाने की मांग तेज, सौंपा ज्ञापन

Trinath Mishra