featured धर्म भारत खबर विशेष

जाने गुजरात के भावनगर के सारंगपुर में स्थित भव्य हनुमान मंदिर के बारे में

हनुमान जाने गुजरात के भावनगर के सारंगपुर में स्थित भव्य हनुमान मंदिर के बारे में

गांधीनगर। गुजरात के भावनगर के सारंगपुर में विराजने वाले कष्टभंजन हनुमान यहाँ महाराजाधिराज के नाम से राज करते हैं। कहते हैं कि बजरंग बली के इस दर पर आकर भक्तों का हर दुःख, उनकी हर तकलीफ का इलाज हो जाता है, इसलिए उन्हें कष्टभंजन हनुमान कहते हैं। विशाल और भव्य किले की तरह बने एक भवन के बीचों-बीच कष्टभंजन का अतिसुंदर और चमत्कारी मंदिर है।

बता दें कि किसी राज दरबार की तरह सजे इस सुंदर मंदिर के विशाल और भव्य मंडप के बीच 45 किलो सोना और 95 किलो चाँदी से बने एक सुंदर सिंहासन पर हनुमान जी विराजते हैं। उनके शीश पर हीरे जवाहरात का मुकुट है और पास ही एक सोने की गदा भी रखी है। संकटमोचन के चारों ओर प्रिय वानरों की सेना दिखती है और उनके पैरों में श्री शनिदेव महाराज हैं, जो संकटमोचन के इस रूप को खास बना देते हैं।

वहीं क्या है इस धम की विशेषता- बजरंग बली के पैरों में विराजमान शनि की मूर्ति, इस धाम को उनके अन्य मंदिरों से अलग विशेष स्थान दिलाती है, क्योंकि यहाँ शनि बजरंग बली के चरणों में स्त्री रूप में दर्शन देते हैं। तभी तो जो शनि प्रकोपों से परेशान होते हैं, वे यहाँ आकर नारियल चढ़ाकर समस्त चिंताओं से मुक्ति पा जाते हैं।

हनुमान.jpg2 जाने गुजरात के भावनगर के सारंगपुर में स्थित भव्य हनुमान मंदिर के बारे में

साथ ही कहा जाता है कि एक समय था जब शनिदेव का पूरे राज्य में भय व्याप्त था, लोग शनिदेव की साढ़ेसाती से त्रस्त थे। आखिरकार भक्तों ने अपनी फरियाद बजरंग बली के दरबार में लगाई। भक्तों की बातें सुनकर हनुमान जी शनिदेव को सबक सिखाने के लिए उनके पीछे पड़ गए. अब शनिदेव के पास जान बचाने का आखिरी विकल्प बाकी था, सो उन्होंने स्त्री रूप धारण कर लिया क्योंकि उन्हें पता था कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं और वो किसी स्त्री पर हाथ नहीं उठायेंगे। ऐसा ही हुआ, पवनपुत्र ने शनिदेव को मारने से इंकार कर दिया, लेकिन भगवान राम ने उन्हें आदेश दिया, फिर हनुमानजी ने स्त्री स्वरूप शनिदेव को अपने पैरों तले कुचल दिया और भक्तों को शनिदेव के भय से मुक्त किया।

मान्यता है बजरंग बली के इसी रूप ने शनि के प्रकोप से मुक्त किया, इसलिए यहाँ की गई पूजा से शनि के समस्त प्रकोप तत्काल दूर हो जाते हैं, तभी तो दूर-दूर से भक्त यहाँ आते हैं और शनि की दशा से मुक्ति पाते हैं क्योंकि भक्तों का ऐसा विश्वास है कि केसरीनंदन के इस रूप में 33 कोटि देवी-देवताओं की शक्ति समाहित है। इस हनुमान मंदिर के प्रति लोगों में अगाध श्रद्धा है क्योंकि यहाँ भक्तों को बजरंग बली के साथ शनिदेव का आशीर्वाद भी मिल जाता है। कहते हैं यहाँ अगर कोई भक्त नारियल चढ़ाकर अपनी कामना बोल दे तो उसकी झोली कभी खाली नहीं रहती। शनि दशा से मुक्ति तो मिलती ही है, साथ ही संकटमोचन का रक्षा कवच भी मिल जाता है।

Related posts

जानिए क्यों वनटंगिये मानते हैं सीएम योगी को भगवान, वजह जानकर हो जाएंगे हैरान

Shailendra Singh

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने जारी की CBSC बोर्ड की परीक्षा डेट शीट, जानें कब से शुरू होंगे एग्जाम

Aman Sharma

Gujarat Election: 1 और 5 दिसंबर को होगा मतदान, हिमाचल के साथ 8 दिसंबर को आएंगे नतीजे

Rahul