नई दिल्ली। ब्रिक्स सम्मेलन में भारत ने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को दुनिया से अलग थलग करने का पूरा प्रयास किया। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी ब्रिक्स देशों से आह्वान किया कि वें सब आतंकवाद के खिलाफ खुल के सामने आएं और आतंकवाद पर रोक लगाने में मदद करें। भारत के इस पहल का कई देशो ने स्वागत किया और साथ देने की भी बात कही पर चीन अभी भी अपने रुख पर टिका हुआ है। चीन ने कहा है कि आतंकवाद को किसी एक देश से जोड़ कर नहीं देखा जाना चाहिए, चीन ने तो आतंकवाद को लेकर कोई खास कदम उठाने से अप्रत्यक्ष रुप से मना किया है पर भारत के लिए यहां विचार का मुद्दा बना है रुस। रुस ने अभी तक पाकिस्तान को अलग थलग करने पर अभी तक अपना रुख साफ नहीं किया है।
आपको बता दें कि भारत ने आतंकवाद को लेकर सभी देशों को साथ आने की अपील की है। ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान आतंकवाद का मुद्दा सबसे अहम रहा है, यहां पर ज्ञात हो कि चीन का रुख पहले से ही पाकिस्तान के पक्ष में रहा है और चीन ने यह साफ कहा है कि आतंकवाद को किसी एक देश से जोड़कर ना देखा जाए, चीन के बाद रुस ने भी पाकिस्तान को इस मुद्दे पर घेरने को लेकर अपना कोई सीधा जबाब नहीं दिया है। रुस ने भले ही भारत के साथ कई अहम समझौते कर दोस्ती का हाथ आगे बढ़ाया है पर आतंकवाद के मामले पर अब भी चुप्पी साधे रखना भारत को अखर रहा है।
यह हो सकता है कारण– रुस का भारत के आतंकवाद विरोधी मुद्दे को लेकर खुल कर साथ ना दे पाने के कई कारण माने जा रहे है, एक तरफ देखा जाए तो वैश्विक परिदृश्य में रुस को चीन के साथ की बहुत आवश्यकता है, ऐसे में अबर रुस पाकिस्तान के खिलाफ खुल कर सामने आता है तो उसे डर है कि कहीं ना कहीं चीन उससे खफा हो सकता है। वहीं दूसरी तरफ भारत के साथ अपने संबंधो को मजबूत करने के लिए रुस प्रयास करता रहा है तो भारत के इस पहल पर वह खुल कर जबाब नहीं दे पा रहा है। ऐसे में रुस के लिए दोनों देशांे की महत्वता बराबर है और दोनो देशों के साथ उसे संबंधों को मजबूत करना है, यही कारण हो सकता है कि रुस आतंकवाद को लेकर अपना रुस साफ नहीं कर पा रहा है।