उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में महज 1 महीने से कम का समय बचा हुआ है। सियासी हलचल तेज हो गई है। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा की ओर से हर एक सिंह रावत पर बड़ी कार्यवाही की गई है सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरक सिंह रावत को उत्तराखंड मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की सिफारिश राज्यपाल को भेज दी है। इसी के साथ हरक सिंह रावत को भाजपा से 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया गया है।
बर्खास्त करने की क्या है वजह
जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड भाजपा की ओर से इस कार्यवाही का कारण हर एक सिंह का लगातार कांग्रेस नेताओं से मिलने जैसी गतिविधियों में शामिल होना बताया जा रहा है। जिसके कारण उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है।
पुत्र वधू के लिए लैंसडौन से चाहते थे टिकट
सूत्रों की माने तो हरक सिंह रावत अपनी पुत्रवधू के लिए लैंसडाउन से टिकट चाहते थे और खुद के लिए कोटद्वार सीट को छोड़कर सुरक्षित सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं। लेकिन पार्टी आलाकमान ने उनकी यह बात नहीं मानी जिसको लेकर उनमें और भाजपा में नाराजगी चल रही थी।
पार्टी से 6 साल के लिए हुए निष्कासित
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रदेश इकाई के मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक के निर्देश पर रावत को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है।
कांग्रेस में हो सकते हैं शामिल
उत्तराखंड मंत्रिमंडल से बर्खास्त होने के बाद खबर है कि हरक सिंह रावत सोमवार यानी आज कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक हरक सिंह रावत के साथ उनके कुछ सहयोगी नेता भी आज कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं।
हरक सिंह रावत ने क्या कहा
वही हरक सिंह रावत ने पत्रकारों से बात करते हुए बताया है कि ‘मुझे दिल्ली जाने के आधार बनाया गया है, यहां तक कि मंत्रिमंडल बर्खास्त किए जाने की मुझे जानकारी भी नहीं दी गई।’
गौरतलब है कि हरक सिंह रावत ने हाल ही में कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उनका इस्तीफा राज्यपाल ने स्वीकार नहीं किया था। जानकारी के मुताबिक भाजपा की ओर से उन्हें मनाने की काफी कोशिश की गई। लेकिन उन्होंने पहले से ही भाजपा छोड़ने का मन बना लिया है। ऐसे में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते उन्हें मंत्रिमंडल और भाजपा से बर्खास्त कर दिया गया है।
2016 में छोड़ी थी कांग्रेस
आपको बता दें हरक सिंह रावत कई बार अपने बगावती तेवर की वजह से सुर्खियों में रहे हैं। उन्होंने 2016 में कांग्रेस छोड़ी थी और इसके बाद उन्होंने भाजपा का दामन थामा था। भाजपा में शामिल होने के बाद कई मुद्दों को लेकर पार्टी और उनके बीच तकरार देखने को मिली है। ऐसे में एक बार फिर से पुरानी पार्टी में शामिल होना यानी घर वापसी उनके लिए थोड़ी मुश्किल हो सकती है। क्योंकि भाजपा में रहते थे उन्होंने कई बार कांग्रेस पर करारे हमले किए हैं ऐसे में यह देखना काफी दिलचस्प होगा कि आखिर उन्हें कांग्रेस ने जगह मिलती है या नहीं।