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18 अक्टूबर को स्मृति ईरानी की पेशी पर फैसला

Smriti Irani 18 अक्टूबर को स्मृति ईरानी की पेशी पर फैसला

नई दिल्ली| अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में गलत सूचनाएं देने का आरोप झेल रहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को दिल्ली की एक अदालत में पेश होने के लिए बुलाया जाए या नहीं, इस बारे में अदालत अपना फैसला 18 अक्टूबर को देगी। स्मृति ईरानी पर अपने तीन हलफनामों में अपनी शैक्षिक योग्यता के बारे में गलत सूचनाएं देने का आरोप है। भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) के एक अधिकारी ने स्मृति ईरानी द्वारा वर्ष 2004 के चुनाव के समय दर्ज किए गए हलफनामों की पुष्टि से जुड़ा एक प्रमाणपत्र पेश किया, जिसके बाद महानगरीय दंडाधिकारी हरविंदर सिंह ने आदेश सुरक्षित रख लिया।

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पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने ईसीआई के अधिकारी से स्मृति द्वारा दाखिल चुनाव से जुड़े शपथपत्रों के सत्यापन का एक प्रमाणपत्र पेश करने को कहा था। अदालत ने यह देखकर ऐसा कहा था कि अदालत में जो शपथपत्र दिखाए गए हैं वे आयोग की वेबसाइट पर जो इलेक्ट्रॉनिक रिकार्ड हैं, उनकी ही प्रतियां हैं।

शिकायतकर्ता के वकील ने अदालत के बाहर इंतजार कर रहे मीडियाकर्मियों से कहा कि उस समय आयोग ने कहा था कि समृति ईरानी का वर्ष 2004 का मूल शपथपत्र गुम हो गया है।अदालत अहमेर खान की एक निजी शिकायत की सुनवाई कर रहा था। उसने ईरानी पर आरोप लगाया है कि स्मृति ने निर्वाचन आयोग के समक्ष वर्ष 2004, 2011 और 2014 के लोकसभा और राज्यसभा चुनावों में दिए गए शपथपत्रों में अपनी शैक्षिक योग्यता अलग-अलग बताई है, जिस कारण संदेह उत्पन्न हुआ है।खान ने पिछले साल अप्रैल में शिकायत दर्ज कराई थी और शपथ पत्र लेकर अपनी शैक्षिक योग्यता को लेकर झूठ बोलने को लेकर स्मृति ईरानी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी।

खान के वकील के.के. मेनन और अंजलि राजपूत ने आरोप लगाया कि भाजपा नेता स्मृति ईरानी ने दिल्ली के 2004 के लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक क्षेत्र से भरे गए नामांकन में खुद को दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कॉरेस्पांडेंस से 1996 बैच की स्नातक बताया था।लेकिन वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में जब ईरानी ने उत्तर प्रदेश की अमेठी से लोकसभा चुनाव के लिए भरे गए शपथपत्र में उन्होंने कहा है कि 1994 में दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ ओपन लर्निग से बी.कॉम पार्ट-1 किया है।

खान ने कहा कि वर्ष 2011 में 11 जुलाई को गुजरात से राज्यसभा के चुनाव में दाखिल हलफनामे में उन्होंने कहा है कि उनकी उच्चतम शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ कॉरेस्पांडेंस से बी. कॉम पार्ट-1 है।

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