देहरादून। STF ने दो साइबर अपराधियों को दो मोबाइल फोन, एटीएम और कई दस्तावेजों के साथ गिरफ्तार किया है बताया जा रहा है कि ये अपराधी पिछली 31 अगस्त को एक मुकदमे में वांछित चल रहा था।
एसटीएफ के पुलिस उपमहानिरीक्षक रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि क्योंकि लोग कभी-कभी सोशल मीडिया पर सक्रिय रहते हैं, अपनी निजी जानकारी दूसरों के साथ साझा करते हैं, इससे आमतौर पर साइबर सुरक्षा में खामियां निकलती हैं। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और टिंडर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर, साइबर अपराधी पीड़ितों को निशाना बनाने के लिए एक से अधिक प्रोफाइल बनाते हैं।
अधिकारियों के अनुसार, अधिकांश मामलों में साइबर अपराधी पीड़ितों को विदेश में नौकरी देने का लालच देते हैं या किसी उनकी रकम पर ज्यादा ब्याज दर प्रदान करेंगे इसके अलावा अपराधी लॉटरी घोटाला, विदेशी मुद्रा निवेश करने का लालाच देकर उन्हें व्यापार में भागीदार बनाने का हर संभव प्रयास करते हैं।
ऐसा ही एक मामला अमर चंद शर्मा द्वारा दर्ज किया गया था, जिसमें कहा गया था कि उन्हें व्यवसाय में भागीदारी बनने पर अच्छा लाभ देने की बात कही गई थी, उन्होंने 20 लाख रुपये का निवेश किया और बाद में पता चला कि वो धोखाधड़ी का शिकार हो चुके हैं।
एसटीएफ द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, आरोपियों से शुरुआती पूछताछ के दौरान पता चला कि एक नाइजीरियन गिरोह दिल्ली और आसपास के लोगों को ठगने के लिए काम कर रहा है। प्रारंभिक जांच में एसटीएफ ने आरोपी के बैंक खातों से 80-90 लाख रुपये का लेनदेन पाया।