Breaking News देश भारत खबर विशेष राजस्थान

संसदीय व्यवस्था संघर्ष के कारण मिली अंग्रेजों ने उपहार नहीं दिया: प्रणव मुखर्जी

president, indian president, pranab mukharji, ramnath kovind, meera kumar

जयपुर। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि भारतीय संसदीय व्यवस्था हम सभी के सतत् संघर्ष की परिणिति है। यह व्यवस्था न तो हमें सहजता से मिली है और न ही ब्रिटिश सरकार से उपहार में मिली है। मुखर्जी गुरुवार को विधानसभा में राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (राजस्थान शाखा) एवं लोकनीति- सीएसडीएस के संयुक्त तत्वावधान में विधायकों के लिए आयोजित एक दिवसीय सेमिनार ‘चेंजिग नेचर ऑफ पार्लियामेंट डेमोक्रेसी इन इंडिया’ के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने भारतीय संविधान के अंगीकार से लेकर इसके वर्तमान स्वरूप तक हुए बदलावों पर विस्तार से प्रकाश डाला। मुखर्जी ने कहा कि संविधान में लगातार संशोधन हुए हैं, लेकिन फिर भी हमने अब तक इसकी मूल आत्मा को जीवित रखा है। उन्होंने राष्ट्रमण्डल के गठन की जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार के प्रयासों से यह संभव हुआ कि इसके नाम से ब्रिटिश शब्द को हटा दिया गया।

मुखर्जी ने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता द्वारा निर्वाचित होते हैं, इसलिए उनकी सबसे पहली जिम्मेदारी जनता के हितों की रक्षा करने की है। सेमिनार को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रमण्डल संसदीय संघ (सीपीए) की राजस्थान शाखा के उपाध्यक्ष मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान शाखा की ओर से यह आयोजन एक अच्छी शुरुआत है। इससे निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को व्यक्तित्व निर्माण और संसदीय लोकतंत्र में उनकी भूमिका के बारे में जानने का अवसर मिलेगा।

Related posts

सरकार बनाने के लिए राष्ट्रपति से गुहार लगाने की योजना में है विपक्ष, बस चुनाव खत्म होने का इंतजार

bharatkhabar

स्वतंत्रता दिवस से पहले बड़ी साजिश नाकाम, बरामद हुए 2000 जिंदा कारतूस, 6 गिरफ्तार

Nitin Gupta

कोरोना वायरस से मृत्यु दर में इजाफा से बढ़ी चिंता

Mamta Gautam