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किसानों को अपने उत्पादों के बदले मूल्य मिले व कृषि आय केंद्रित हो: नरेंद्र सिंह तोमर

narendra sing tomar किसानों को अपने उत्पादों के बदले मूल्य मिले व कृषि आय केंद्रित हो: नरेंद्र सिंह तोमर
  • संवाददाता, भारत खबर

नई दिल्ली। कृषि क्षेत्र में नई चुनौतियां है और छोटे किसानों को मैदानी स्तर पर तकनीकी सहायता की जरूरत है, ताकि खेती की लागत कम हो सके। किसानों को अपने खेतों की मिट्टी की जांच नियमित रूप से करनी चाहिए। इस संबंध में जैविक खेती में तेजी लाने की जरूरत है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज नई दिल्ली में आयोजित राज्य कृषि मंत्रियों के सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य मिलना चाहिए, ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्किट (ई-नाम) के जरिये कृषि विपणन को मजबूत किया जाए और कृषि निर्यात को बढ़ाया जाए।
तोमर ने अपने उद्घाटन भाषण में सभी विशिष्ट जनों का स्वागत किया। आम बजट 2019-20 की घोषणा के बाद राज्यों के साथ यह पहला सम्मेलन है। कृषि मंत्री ने किसानों की आय दोगुना करने के संबंध में प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण पर जोर देते हुए राज्यों से आग्रह किया कि वे खेती के खर्चों में कमी करने के लिए विभिन्न उपाय करे, ताकि किसानों की बेहतर आमदनी हो सके। अनाज उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए महत्वपूर्ण योगदान करने पर मंत्री महोदय ने राज्यों को धन्यवाद दिया और उनसे आग्रह किया कि वे उत्पादन केन्द्रित गतिविधियों से बाजार केन्द्रित कृषि पर ध्यान दें, जिसमें कृषि उत्पादों के निर्यात पर विशेष ध्यान दिया जाए। कृषि मंत्री ने राज्यों से कहा कि वे अपने प्रयासों में तेजी लाए और किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड के आधार पर उर्वरकों के बेहतर इस्तेमाल की सुविधा दें।
नरेन्द्र सिंह तोमर ने राज्यों से आग्रह किया कि वे जल संरक्षण तथा ड्रिप और स्प्रिंक्लर सिंचाई के जरिये पानी बचाने के लिए किसानों में जागरूकता पैदा करे। उन्होंने कहा कि राज्यों को किसान कल्याण योजनाओं और मैदानी स्तर के कार्यक्रमों के बेहतर कार्यान्वयन के लिए केन्द्र के साथ तालमेल विकसित करना चाहिए। तोमर ने नीति निर्देशन के संबंध में राज्यों से सुझाव और फीडबैक देने का आग्रह किया।
कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने राज्यों के मंत्रियों का स्वागत किया और खरीफ मौसम के मद्देनजर सम्मेलन के उद्देश्यों के बारे में बताया। पीएम किसान की सफलता के लिए उन्होंने राज्यों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि सभी राज्यों ने कम समय में सराहनीय काम किया है।
12 राज्यों के कृषि मंत्री और अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी सम्मेलन में उपस्थित थे। दिन भर चलने वाले सम्मेलन के प्रात:कालीन सत्र में पीएम किसान सम्मान निधि (पीएम किसान), पीएम किसान मान धन योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, पीएम फसल बीमा योजना, ई-नैम, जैविक खेती और बाजार सुधारों पर प्रस्तुतियां दी गई। इस सत्र के बाद राज्य कृषि मंत्रियों और राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संवाद-सत्र का आयोजन हुआ।

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