- संवाददाता, भारत खबर
देहरादून। वित्त मंत्री का उत्तराखण्ड के राजनीतिक जीवन से बचपन में ही लगाव हो गया था, उनके कार्यों से जनता ही नहीं समाज का हर एक वर्ग बेहद खुश था, छात्र जीवन में आते ही उन्होंने राजनीति को ऐसे बना लिया जैसे कोई अपने परिवार से प्रेम करता हो।
उनका यूं ही चले जाना मन को गवारा नहीं हो रहा है ऐसा लगता है जैसे उनकी आवाज आज भी वैसे ही गूंज रही है जैसे पहले कभी गूंजा करती थी। वित्त मंत्री प्रकाश पंत सन् 1977 में छात्र राजनीति में सक्रिय थे इसके बाद वे सैन्य विज्ञान परिषद में महासचिव, श.स्नातकोत्तर महासचिव पद पर रहे थे। उनकी कर्मठता देखकर साल 1988 में उन्हें नगर पालिक परिषद पिथौरागढ़ में बतौर सदस्य निर्वाचित किया गया। समय आया साल 1998 का उन्हें विधानसभा उत्तरप्रदेश में सदस्य निर्वाचित किया गया।
राजनीतिक जीवन में सक्रियता के चलते साल 2000 में उत्तराखंड राज्य बनने के बाद वे 2001 में प्रथम विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर चुने गए। इसके बाद साल 2002 पंत पिथौरागढ़ विधानसभा से बतौर सदस्य निर्वाचित किए गए। बता दें कि उत्तराखण्ड के वित्त मंत्री प्रकाश पंत 8 मार्च 2007 को वे द्वितीय निर्वाचित सरकार में कैबिनेट मंत्री के तौर पर नियुक्त किए गए। इसके बाद 18 जुलाई 2017 से अब वे चतुर्थ निर्वाचित सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर नियुक्त थे।