एजेंसी, नई दिल्ली। भारत में लोकसभा का चुनावी बिगुल बन्द हो चुका अब देखना ये है कि केन्द्र की सियासी गद्दी पर कौन विराजमान होता है। सभी दलों के दिग्गजों के दिलों की धड़कने थमी हुई हैं साथ ही सभी की नजर एग्जिट पोल पर इस तरह पड़ी हैं जैसे गिद्द की नजर मास पर होती है।
इसी दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने एग्जिट पोल पर सवाल उठाए हैं। कुमारस्वामी का कहना है कि एग्जिट पोल के जरिए भाजपा छोटे दलों को 23 मई के नतीजों से पहले ही लुभा रही है। वहीं, लोकसभा चुनाव के मतगणना से पहले हुए एग्जिट पोल के नतीजों के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात की है। उत्तर प्रदेश में बसपा और सपा एकसाथ बीजेपी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं।
एग्जिट पोल के कुछ सर्वे ऐसे भी आए हैं, जिसमें सपा-बसपा के गठजोड़ को बीजेपी की बराबरी या एक-दो सीटें ज्यादा होने का दावा कर रहे हैं। उधर, लोकसभा चुनाव 2019 में लगभग सभी एग्जिट पोल एनडीए की सरकार बनने का दावा कर रहे हैं। एनडीटीवी के पोल ऑफ एग्जिट पोल्स में भी बीजेपी की सरकार बनने के संकेत मिल रहे हैं। लेकिन इसी मुद्दे पर रवीश कुमार के प्राइम टाइम में सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व में चुनाव विशेषज्ञ योगेंद्र यादव ने भी दावा किया है कि इस बार नतीजों में हमें हैरान होने के लिए तैयार रहना चाहिए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष आयोग का समर्पण: राहुल गांधी
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का दक्षिण भारत के राज्य केरल के वायनाड से लड़ने का फैसला का कितना असर रहा है यह तो 23 मई को आने वाले नतीजे बताएंगे लेकिन एग्जिट पोल के नतीजे बता रहे हैं कि कांग्रेस को फायदा होता दिखाई दे रहा है। हालांकि यह असर केरल और तमिलनाडु तक ही सीमित है। उधर, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष आयोग का समर्पण जाहिर है। लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान वाले दिन गांधी ने चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री मोदी की उत्तराखंड के केदारनाथ की यात्रा समेत अन्य उदाहरण गिनाए और चुनाव आयोग पर पक्षपात करने का आरोप लगाया।