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साध्वी प्रज्ञा का प्रचार करने के लिए भोपाल में साधुओं ने डाला डेरा, गहमागहमी का दौर शुरू

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भोपाल। हॉट सीट बन चुकी भोपाल लोकसभा चुनावों में साध्वी प्राा को जिताने के लिए भगवा वस्त्रधारी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के मैदान में आने के बाद यहां के सियासी अखाड़े में साधु-संतों का जमावड़ा लग रहा है। साध्वी के लिए भगवा वस्त्रधारियों का इकट्ठा होना तो लाजिमी है, लेकिन इस मामले में कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह भी कहीं से कमजोर नहीं पड़ रहे हैं।
उनके लिए भी साधु-संत जुट रहे हैं। भोपाल संसदीय सीट का चुनाव पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींचेगा। यह उसी दिन तय हो गया था, जब दिग्विजय सिंह के खिलाफ भाजपा ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को मैदान में उतारने का फैसला लिया। ऐसा कर पार्टी ने चुनाव को सीधे-सीधे वोटों के ध्रुवीकरण पर केंद्रित करने की अपनी मंशा जाहिर कर दी।
प्रज्ञा ठाकुर चूंकि राजनीति के मैदान की नई खिलाड़ी थीं, लिहाजा उनसे फाउल की उम्मीद भी ज्यादा थी। प्रेक्षकों की उम्मीद पर वे खरी भी उतरीं। कभी शहीद हेमंत करकरे के खिलाफ बोलकर तो कभी दिग्विजय सिंह को परोक्ष रूप से आतंकी कहकर उन्होंने चुनाव आयोग तक उनकी शिकायत पहुंचानें का ग्राउंड तैयार किया। उमा भारती संग उनकी मुलाकात की भावुक तस्वीरें सोमवार को देश की सुर्खियां बन चुकी हैं।
इससे उलट दिग्विजय सिंह संभलकर बोल रहे हैं। जेएनयू छात्रनेता और बेगूसराय से कम्युनिस्ट पार्टी उम्मीदवार कन्हैया कुमार को प्रचार के लिए भोपाल बुलाने का फैसला लेकर उन्होंने भी विरोधियों को बोलने का एक मौका जरूर दिया है। अगले हफ्ते कन्हैया कुमार दिग्विजय के लिए भोपाल आ सकते हैं। दिग्जिवय के लिए लाल मिर्च से अनुष्ठान करेंगे वैराग्यानंद : अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में नेताओं के धुंआधार दौरे तो चल ही रहे हैं, साधु-संतों ने भी मैदान संभाल लिया है। दिग्विजय सिंह के पक्ष में कंप्यूटर बाबा साधु-संतों को भोपाल ला रहे हैं।
दिग्विजय के आध्यात्मिक गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से जुड़े संत भी भोपाल आने वाले हैं। महामंडलेश्वर स्वामी वैराग्यानंद ने सोमवार को भोपाल में एलान किया है कि दिग्विजय सिंह यदि चुनाव नहीं जीते तो वे जिंदा समाधि ले लेंगे। दिग्विजय की विजय के लिए वे पांच क्विंटल लाल मिर्च से अनुष्ठान भी करने वाले हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि दिग्विजय के समर्थन में 20 हजार संत मैदान में उतरेंगे और डोर-टू-डोर कैम्पेन करेंगे। इनके अलावा दिग्विजय सिंह के लिए श्रीराम जन्म भूमि मंदिर न्यास व राम सेना के राष्ट्रीय प्रवक्ता देवमुरारी बापू और स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य सुबुधानंद भी सक्रिय हैं। नामांकन दाखिल करने से पहले दिग्विजय सिंह अपनी पत्नी के संग शंकराचार्य का आशीर्वाद लेने गए थे। इसके अलावा वे जैन मुनियों का आशीर्वाद लेने भी जा रहे हैं और मंदिरों में भी मत्था टेक रहे हैं।

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