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Uttarakhand Election 2022: बड़े चेहरे बदलेंगे चुनावी समीकरण, जानें किन सीटों पर उलझी प्रत्याशियों की किस्मत, क्या कहते है मिथक

उत्तराखंडःनिकाय चुनाव में बीजेपी ने मारी बाजी, कांग्रेस ने कहा निकाय में हुई वापसी

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Election 2022) के मद्देनजर चुनाव प्रचार की गाड़ी रुक चुकी है। और कल महा मुकाबले का दिन है। विधानसभा की कुल 70 सीटों पर कल प्रदेश की जनता मतदान के जरिए उम्मीदवारों की किस्मत तय करेगी। 

इस बार सभी सीटों पर कांटे की टक्कर है। ऐसे में बड़े चेहरे चुनावी समीकरण को बिगाड़ सकते हैं। वहीं उत्तराखंड में पहली बार चुनावी मैदान में उतर रही आम आदमी पार्टी अपने दमखम के साथ चुनाव लड़ रही है। सभी राजनीतिक दलों ने इस बार सीएम उम्मीदवारों के लिए ऐसा चेहरा सुना है जिनका पहाड़ी राज्य में वोट बैंक हर बार हार जीत के अंतर को तय करता है। ऐसे नहीं यह साफ है कि इस बार उत्तराखंड में महा मुकाबला होना निश्चित है तो आइए जानती है उत्तराखंड चुनाव से जुड़े विभिन्न पहलू 

बगावत में उलझी भाजपा की ये सीटें

भाजपा के बागी प्रत्याशियों के मैदान में उतरने की वजह से 8 सीटों पर उलझनें बढ़ती नजर आ रही है।  इन सीटों में धीरेंद्र चौहान कोटद्वार से , जीतेंद्र नेगी डोईवाला से,  बीर सिंह पंवार धर्मपुर से , राजकुमार ठुकराल रुद्रपुर से, मनोज शाह भीमताल से, महावीर रांगड धनोल्टी से, दर्शन लाल घनसाली से और पवन चौहान लालकुंआ सीटों की मुश्किलें बढ़ा दी है।  आपको बता दें कि भाजपा की ओर से इन बागी प्रत्याशियों के खिलाफ कार्यवाही की गई थी। उसके बावजूद भी भाजपा के बागी नेता भाजपा के विरुद्ध खड़े हो गए है। जिससे चुनावी समीकरण बिगड़ने की संभावना है।

5 सीटों पर उलझी कांग्रेस

वही बगावत के स्वर कांग्रेस ने भी साफ तौर पर देखने को मिल रहे हैं। जिससे कांग्रेस की प्रमुख 5 सीटों पर चुनौतियां बढ़ गई हैं। आपको बता दें कांग्रेस की अधिकृत यमुनोत्री सीट पर संजय डोभाल, रुद्रप्रयाग से मातबर सिंह कंडारी, घनसाली से भीमलाल आर्य, रामनगर से संजय नेगी और लालकुंआ सीट से संध्या डालाकोटी ने कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

लालकुआं विधानसभा सीट 

नैनीताल जिले के लालकुआं सीट पर इस बार मुकाबले की टक्कर देखने को मिलेगी। इस सीट पर कांग्रेस के सबसे बड़े चेहरा और सीएम उम्मीदवार हरीश रावत तो वहीं उन्हें कांटे की टक्कर देने के लिए भाजपा की ओर से जिला पंचायत सदस्य मोहन बिष्ट खड़े हैं। वहीं निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस की पुरानी सिपाही संध्या डालाकोटी भी लालकुआं सीट से नाम बता दे कांग्रेस की ओर से संध्या डालाकोटी पहले इस सीट से उम्मीदवार बनाया गया था। लेकिन रामनगर सीट पर हरीश रावत की उम्मीदवारी पर सवाल उठते ही 24 घंटे के भीतर उन्हें लालकुआं सीट पर शिफ्ट कर दिया गया। इससे कांग्रेस ने संध्या डालाकोटी का पत्ता काट दिया और उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर किस्मत आजमाने का फैसला कर लिया है।

गंगोत्री सीट

उत्तराखंड राजनीति के कई मिथक पहलू भी जिनमें सबसे पहला नाम गंगोत्री विधानसभा सीट का आता है ऐसे में इस बार उत्तरकाशी जिले की गंगोत्री सीट पर मतदान का समीकरण काफी दिलचस्प होने वाला है कहा जाता है कि इस सीट पर जिस राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवार की जीत होती है प्रदेश में उसी की सरकार बनना तय है। और ऐसा बीते 60 साल से चला आ रहा है। ऐसे में उत्तरकाशी की गंगोत्री विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होता दिखाई दे रहा है। जहां आम आदमी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री चेहरा कर्नल अजय कोठियाल को उतारा गया है। जानकारी के मुताबिक इस क्षेत्र में आर्मी बैकग्राउंड की लोकप्रियता अधिक हैं और आम आदमी पार्टी की ओर से इसी लिए दवा खेला गया है। भाजपा की बात करें तो इस बार पार्टी की ओर से इस सीट पर नए चेहरे को दावेदार चुना गया है। दादी निवर्तमान विधायक गोपाल रावत के निधन के बाद सुरेश चौहान पर भाजपा ने भरोसा जाहिर किया है खास बात यह है कि भाजपा के इस उम्मीदवार के लिए स्वर्गीय सीडीएस विपिन रावत के भाई रिटायर्ड कर्नल विजय रावत ने प्रचार किया है।

वहीं कांग्रेस ने इस सीट से लगातार पांचवीं बार विजयपाल सजवाण पर भरोसा जाहिर किया है। जिन्होंने 2002 और 2012 में जीत हासिल की थी।इस दौरान उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार बनी थी।

चौबट्टाखाल सीट

इस सीट को भाजपा का गढ़ माना जाता है जहां लगातार चार बार में से तीन बार भाजपा प्रत्याशी ने बाजी मारी है। वही एक बार निर्दलीय उम्मीदवार को जीत हासिल हुई। लेकिन कांग्रेस का खाता नहीं खुला है। इस सीट पर भाजपा की ओर से राज्य मंत्री सतपाल महाराज को उम्मीदवार के तौर पर उतारा गया है जिन्होंने 2017 में विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी वही इन्हीं कांटे की टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने प्रदेश उपाध्यक्ष केसर सिंह नेगी को चुनावी मैदान में उतारा है। आम आदमी पार्टी की ओर से प्रदेश अध्यक्ष दिग्मोहन नेगी पर विश्वास जाहिर किया गया है।

खटीमा सीट

उत्तराखंड की सीट को हाई प्रोफाइल सीट माना जाता है उत्तम नगर उत्तम सिंह नगर जिले में पढ़ने वाली इस सीट पर हाथ निगाहें बनी रहेंगी इस सीट पर खुद भाजपा प्रत्याशी के रूप में पुष्कर सिंह धामी चुनावी मैदान में उतरे हैं आपको बता दें इस सीट से पहले भी दो बार पुष्कर धामी विधायक रह चुके हैं लिहाजा इस बार उम्मीद है कि पुष्कर धामी इस सीट पर हैट्रिक जरूर लगाएंगे। 

कांग्रेस की ओर से पुष्कर धामी को टक्कर देने के लिए भुवन कापड़ी को मैदान में उतारा गया है जो 2017 में महज कुछ वोटों से सीएम धामी से हारे थे। 

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