नई दिल्ली: कर्नाटक सरकार ने कर्नाटक के लोगों की आमदनी पर अतिरिक्त भार बढ़ाने वाला फैसला लिया है. शुक्रवार को कांग्रेस-जेडीएस की गठबंधन सरकार ने पेट्रोल पर 4 फीसदी फीसदी टैक्स और डीजल पर 4 फीसदी टैक्स बढ़ाने की घोषणा की। अब पेट्रोल पर 32 फीसदी और डीजल पर 21 फीसदी टैक्स वसूला जाएगा.
तेल के दामों में लगातार गिरावट
आपको बता दें कि इससे पहले पेट्रोल पर 28.75 फीसदी और डीजल पर 17.75 फीसदी टैक्स वसूला जा रहा था। इस बढ़ोतरी के बाद शुक्रवार को पेट्रोल के दाम 70.84 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम 64.66 रुपये प्रति लीटर दर्ज किए गए। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में इस बढ़ोतरी के लिए अंतरराष्ट्रीय मार्केट में क्रूड ऑयल (कच्चे तेल) के दामों में लगातार आ रही कमी के कारण देश में ईंधन के घटते दामों से अपने राजस्व संग्रह पर पड़ रहे प्रभाव को कारण बताया है।
बयान में यह भी कहा गया कि टैक्स दर बढ़ाने के बावजूद कर्नाटक में ईंधन की कीमतें पड़ोसी राज्यों के मुकाबले बेहद कम हैं। आपको बता दें कि हाल ही के काफी दिनों से पेट्रोल और डीजल लगातार सस्ता हो रहा है. जिसके कारण राज्य सरकार के राजस्व संग्रह पर भार पड़ रहा है.
सरकार बनते ही बढ़ाए थे दाम
कर्नाटक सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों पर दाम पहली बार नहीं बढ़ाए हैं. जून 2018 में कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीयू गठबंधन से सरकार बनी थी और एचडी कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे. 5 जुलाई को कर्नाटक का बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री ने बजट में पेट्रोल और डीजल पर टैक्स को 2 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव दिया था. मुख्यमंत्री ने पेट्रोल पर टैक्स को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 32 प्रतिशत और डीजल पर 19 प्रतिशत से बढ़ाकर 21 प्रतिशत करने का प्रस्ताव दिया था.