नई दिल्ली: मेघालय की एक खदान में पिछले 15 दिनों से 15 मजदूर फंसे हुए हैं। उन सभी खनिकों को बचाने के लिए पंप उत्पादन करने वाली कंपनी किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड ने मदद की पेशकश की है। इस कंपनी ने खदान से पानी निकालने में जरूरी उपकरण उपलब्ध कराने को कहा है।
पहले भी पानी निकालने की कोशिश की गई है
आपको बता दें कि इससे पहले खदान से पानी निकालने की कोशिश की गई थ. लेकिन खदान में पानी का स्तर कम होता नहीं दिखा जिसके कारण बाद वह काम शनिवार को रोक दिया गया। एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट एसके सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को उच्च शक्ति वाले पंप की मांग करते हुए पत्र लिखा है क्योंकि इस कार्य के लिए 25 हॉर्स पावर के पंप पर्याप्त साबित नहीं हो पा रहे थे।
मौत की खबरों को एनड़ीआरएफ ने नकारा
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने गुरुवार को मीडिया की उन खबरों का खंडन किया जिसमें यह कहा गया था कि खदान में फंसे मजदूरों की मौत हो जाने का संदेह है क्योंकि एनडीआरएफ के गोताखोर जब खदान में उतरे थे उन्होंने ‘दुर्गंध’ महसूस की थी।
यहां बचाव अभियान चला रहे गुवाहाटी की एनडीआरएफ बटालियन ने एक बयान में कहा कि सहायक कमांडेंट संतोष कुमार सिंह के ‘दुर्गंध’ वाले बयान को मीडिया ने गलत तरीके से लिया। अपने बयान में उन्होंने ‘दुर्गंध’ का इस्तेमाल ‘ठहरे हुए पानी’ के संदर्भ में किया था।
गुवाहाटी की एनडीआरएफ बटालियन के कमांडेंट एस के शास्त्री ने कहा, ‘खदान से पंप के जरिए पानी बाहर निकालने की प्रक्रिया पिछले 48 घंटों से रुकी हुई है। गोताखोरों ने जो दुर्गंध पानी में महसूस की, वह ठहरे हुए पानी की हो सकती है। इसी बयान को अखबारों ने गलत तरह से उद्धृत करते हुए यह बताया कि श्रमिकों के मृत होने की आशंका है।’ जानकारी के मुताबिक कि मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस घटना के संबंध में मुलाकात की है। हालांकि इस बैठक की जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई है।