अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बीते रोज यानी कि बुधवार को अचानक इराक पहुंचे। दिलचस्प है कि ट्रंप ने अपनी इस यात्रा के बारे में कोई खुलासा नहीं किया। राष्ट्रपति ट्रंप इस यात्रा पर अचानक इराक पहुंच कर सभी को अचंभित कर दिया। दरअसल ट्रंप इराक में मौजूद अमेरिकी फौजों को देखने अचानक ही पहुंचे थे। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका दुनिया में पुलिस की भूमिका नहीं निभा सकता। दूसरे देशों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी।
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गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने बगदाद के मिलिट्री बेस में कहा कि युद्धग्रस्त सीरिया से अमेरिकी फौज वापस बुलाने का फैसला सही है। अमेरिका पर दोबारा आतंकी हमले के सवाल पर ट्रंप ने कहा, अगर ऐसा होता है तो नतीजे भयावह होंगे। उनके मुताबिक अमेरिका पर सारी दुनिया का बोझ डाल दिया जाए यह सही नहीं है। हम बाकी देशों खासकर तुर्की से भी सेनाएं वापस बुला लेंगे।
सीरिया में आईएसआईएस के बाकी ठिकानों के खत्म होने के बाद सऊदी अरब वहां विकास के कामों के लिए निवेश करेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीरिया छोड़ने के लिए सेना के जनरलों को 6 महीने का एक्सटेंशन (बृद्धि) दिया गया है। तुर्की राष्ट्रपति रीसेप तैयप एर्दोआन से अच्छी बातचीत हुई है।वह भी तुर्की से अमेरिकी फौज के वापस भेजे जाने पर सहमत हैं।
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दूसरे देश भी ऐसा ही करेंगे क्योंकि हम उनके इलाके में हैं। उन्हें इस पर आने वाले खर्च को हमसे साझा करना चाहिए।अमेरिका ने पिछले हफ्ते ही सीरिया से फौज बुलाने का अमेरिका के राष्ट्रपति के इस फैसले के विरोध में रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने इस्तीफा दिया था।ट्रम्प ने कहा था कि हम नहीं चाहते कि कोई अन्य देश हमारा प्रयोग करे या फिर हमारी मिलिट्री उनकी रक्षा करे। उन्होंने कहा कि इसके लिए वो देश कुछ खर्च नहीं करते। आईएसआईएस की हार हो चुकी है, सीरिया से फौज को वापस लौटना ही चाहिए।