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इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी को लेकर रूस और अमेरिका आमने-सामने

putin इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी को लेकर रूस और अमेरिका आमने-सामने

नई दिल्ली। इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी को लेकर रूस और अमेरिका आमने-सामने आ गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बयान पर रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अमेरिका प्रतिबंधित मिसाइलों को विकसित करता है तो रूस भी ऐसा ही करेगा। इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने नाटो की एक बैठक में घोषणा की थी कि अमेरिका रूसी धोखाधड़ी के कारण 60 दिनों में इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज ट्रीटी (आईएनएफ) के तहत अपने दायित्वों को छोड़ेगा। इस पर पुतिन ने कहा कि ऐसा लगता है कि हमारे अमेरिकी सहयोगियों का मानना है कि स्थिति इतनी बदल गई है कि अमेरिका के पास इस प्रकार के हथियार होने चाहिए। हमारी प्रतिक्रिया क्या होगी? एक बहुत ही सरल, उस मामले में, हम वही करेंगे।

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बता दें कि पोम्पियो से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का कहना था कि रूस ने मध्यम दूरी की एक नई मिसाइल बनाकर इस संधि का उल्लंघन किया है। इसलिए अमेरिका इस समझौते को नहीं मानेगा। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति रॉनल्ड रीगन और तत्कालीन सोवियत संघ के राष्ट्रपति मिखाइल गोर्वाचोफ ने इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर मिसाइलों को समाप्त करने के लिए 8 दिसंबर, 1987 को संधि की थी। इसके तहत दोनों देशों को अपनी कुछ मिसाइलों को नष्ट करके उनकी संख्या निश्चित करनी थी। बताया जाता है कि इस संधि के बाद 1991 तक करीब 2700 मिसाइलों को नष्ट किया गया था।

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