जम्मू-कश्मीरः पीपुल्स डैमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना सकती है।हलांकि दोनों दलों के एक साथ मिलने पर भी सरकार नहीं बनेगी। इसलिए नेशनल कॉन्फ्रेंस इसे बाहर से समर्थन दे सकती है।गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर राज्य में 2002 की तरह समीकरण बन रहे हैं। उस दौरान भी पीडीपी-कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाई थी। वहीं नेशनल कॉन्फ्रेंस ने बाहर से समर्थन दिया था।
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19 दिसंबर को राज्यपाल शासन के छह महीने पूरे हो जाएंगे
मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर में इससे पहले मार्च 2015 में पीडीपी और भाजपा ने गठबंधन की सरकार बनाई थी। पहले मुफ्ती मोहम्मद सईद मुख्यमंत्री रहे। उनके निधन के बाद महबूबा मुफ्ती सीएम बनीं। यह गठबंधन की सरकार से बीजेपी ने इसी साल जून में समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गई। अभी राज्य में राज्यपाल शासन लागू है। जो कि 6 महीन के लिए लागू होता है। 19 दिसंबर को राज्यपाल शासन के छह महीने पूरे हो जाएंगे। नियमों के अनुसार इसे दोबारा नहीं बढ़ाया जा सकता। इसके बाद राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। जिसके लिए विधानसभा भंग करनी होगी।
अभी सरकार बनाने वाली स्थिति नहीं है
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मिली जानकारी के मुताबिक नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि हम पीडीपी-कांग्रेस गठबंधन की सरकार में शामिल होने का इरादा नहीं रखते हैं। लेकिन इसे बाहर से समर्थन देने में परहेज नहीं है।गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस-पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन की संभावनाओं पर कहा कि हम पार्टियों का कहना था कि क्यों न हम इकट्ठे हो जाएं और सरकार बनाएं। अभी सरकार बनाने वाली स्थिति नहीं है,लेकिन एक सुझाव के तौर पर बातचीत जारी है।
पीडीपी सांसद मुजफ्फर बेग का बयान
वहीं गठबंधन की संभावनाओं पर पीडीपी सांसद मुजफ्फर बेग ने कहा, कि ‘‘इस पर जम्मू किस तरह प्रतिक्रिया देगा? यह एक मुस्लिम गठबंधन होगा। इस पर लद्दाख की क्या प्रतिक्रिया होगी? इस तरह की गैरजिम्मेदाराना बातचीत कश्मीर को तीन भागों में विभाजन की वजह बनेगी। लद्दाख और जम्मू राज्य का हिस्सा नहीं रहेगा जिसमें सिर्फ एक समुदाय रहता है।’’ माना जा रहा है कि अगर ये गठबंधन होता भी है तो महबूबा मुफ्ती के मुख्यमंत्री बनने की संभावना नहीं है। लेकिन सरकार की कमान एक पीडीपी के वरिष्ठ नेता के हाथों में हो सकती है। आपको बता दें कि 2014 के विधानसभा चुनाव के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस ने पीडीपी को समर्थन देने की पेशकश की थी। लेकिन पीडीपी ने उसे ठुकराकर बीजेपी के साथ गठबंधन किया था।
राज्य में कुल विधान सभा सीटों की संख्या
बता दें कि राज्य में कुल विधान सभा सीटों की संख्या 87 है। जिसमें सबसे ज्यादा 28 सींटें पीडीपी के पास हैं। दूसरे नंबर पर भाजपा के पास 25 सीटें है। वहीं कांग्रेस के पास 12 सीटें और नेशनल कॉन्फ्रेंस के पास 15 सीटें है। अन्य के पास 7 हैं। इस तरह जम्मू- कश्मीर में सरकार बनाने के लिए किसी भी दल को 44 सींटों की जरूरत होती है।