कश्मीर समस्याः सूबे में एक बार फिर स्वायत्तता की मांग के स्वर बुलंद होने लगे हैं। इस बार मांग राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला ने की है। उमर ने कहा कि स्वायत्तता से ही निकलेगा समाधान। बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला का कहना है कि राज्य की दशकों पुरानी समस्या का एकमात्र ‘व्यावहारिक समाधान’ स्वायत्तता देने से ही होगा।
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आपको बता दें कि श्रीनगर में बुधवार को पार्टी मुख्यालय में पदाधिकारियों की प्रांतीय बैठक में उमर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर एक विशेष राज्य है। इसलिए राज्य को अपनी आवश्यकताएं पूरी करने के लिए क्षेत्रीय स्वायत्तता के लिहाज से उसे विशेष व्यवस्था की आवश्यकता है।उमर ने कहा कि समय आ गया है कि भारत सरकार ‘राज्य विधानसभा में 2000 में पारित’ स्वायत्तता के प्रस्ताव को लागू करे।
उमर ने कहा कि दिन पर दिन घाटी की स्थिति खराब हो रही है। उन्होंने कहा कि हर रोज हम कहीं पर किसी के मारे जाने, मुठभेड़, अशांति,घेराबंदी और सर्च ऑपरेशन आदि की खबरें सुनते हैं। उमर ने कहा दक्षिण (कश्मीर) पहले ही उबल रहा था, लेकिन अब श्रीनगर में भी गोलीबारी की खबरें आम हो गई हैं। उनहोंने कहा कि यह क्षेत्र भी अशांत हो रहा है। ऐसा लगता है कि कश्मीर में सरकार की पकड़ खत्म चुकी है।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर ने जोर देते हुए कहा कि स्वायत्तता ही एक व्यवहारिक समाधान है।भारत सरकार को चाहिए कि वह स्वायत्तता के प्रस्ताव को लेकर काम करे। वर्षों पुरानी समस्या का यह मात्र हल है। उमर ने कहा कि राज्य के लोग नॉन गवर्नेंस, पिछड़ेपन और जवाबदेही की कमी का सामना कर रहे हैं। जमीनी स्तर पर स्थिति बेहद खराब है और होती जा रही है। उन्होंने कहा कि हर रोज बेगुनाह लोग इसकी चपेट में आ जाते हैं।