नई दिल्ली। एपीसीआरडीए आंध्र प्रदेश सरकार के सहयोग से सेंट्रल फॉर स्ट्रैटेजी एंड लीडरशिप द्वारा आंध्र प्रदेश में राष्ट्रीय की पहली जस्टिस सिटी के निर्माण पर एक कार्यशाला का आयोजन कंस्टीटूशन क्लब ऑफ इंडिया नई दिल्ली में किया गया। आंध्र प्रदेश राज्य में न्याय प्रणाली को हाईटेक करने के लिए एक आधुनिक बुनियादी ढांचा प्रदान करने के दृष्टिकोण के साथ अपनी नई राजनीति अमरावती के अंदर एक विश्वस्तरीय जस्टिस सिटी का निर्माण कर रहा है।
बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने अपने ऊपर यह जिम्मेदारी ली है और कहा कि उन आधुनिक परिसरों और सुविधाओं का विकास किया जाए जो त्वरित और कुशल अदालत प्रणाली का समर्थन करने के लिए आवश्यक है। जस्टिस सिटी को तैयार करने में जुटे आंध्र प्रदेश कैपिटल रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी के कमिश्नर श्रीधर चेरूकुरी ने कहा अमरावती भारत का पहला नगर होगा जिसमें न्याय के लिए समर्पित शहर होगा। एपीसीआरडीए नोडल एजेंसी है जो अमरावती विकसित कर रही है।
हम अमरावती में जस्टिस सिटी विकसित कर रहे हैं। जिसमें एकीकृत न्यायिक केंद्र 3,309 एकड़ में फैला होगा। जिसमें अनुमानित जनसंख्या 2.5 लाख हैचेरुकुरी ने कहा जसीडीए से 1 से अधिक लोगों के लिए रोजगार पैदा करने की उम्मीद है। आंध्र प्रदेश सरकार के निवासी ने कहा स्थाई और सामाजिक विकास का प्रतीक मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की राजधानी शहर राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए एक शहर बनने के लिए जुटे हुए हैं। कानून और कार्यालयों कानून संस्थानों और कॉलेजों संस्थानों, संसाधन केंद्रों, कानूनी प्रक्रिया, आउटसोर्सिंग इकाइयों, कानूनी थिंक टैंक और शोध केंद्र कानूनों के साथ साथ पैरा लीगल और उद्योगों के लिए जस्टिस सिटी में मुख्य कार्यकारी विकास शर्मा के अनुसार आंध्र प्रदेश हमेशा एक प्रगतिशील राज्य सरकार ने जरूरतमंदों को मुफ्त और सक्षम कानूनी सेवाएं प्रदान करने के लिए कानूनी सेवा समिति की स्थापना की है। जो प्रशंसात्मक है।
आंध्र प्रदेश कानूनी मामलों के तौर मुकदमे अपराधिक न्याय प्रणाली स्थापित करने के लिए देश में पहला राज्य भी है। देश में पहली बार कोई राजनीति में विशेष रूप से शहर का निर्माण का इतिहास लिख रहा है। आर्थिक विकास बोर्ड आंध्र प्रदेश सरकार ने निवेशकों को आमंत्रित करते हुए राज्य सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों के बारे में बताया। उन्होंने निवेशकों से जुड़ने में राज्य सरकार की गंभीरता को और राज्य के निवेश करने में रुचि रखने वालों को पूर्ण समर्थन देने का वादा किया ।भारत के सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश और न्यायमूर्ति कार्यशाला में मौजूद थे।