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पंजाब ट्रेन हादसाः 60 लोगों को कुचलने वाली ट्रेन के ड्राइवर ने दी सफाई,कहा धुआं में कुछ भी नहीं दिखा

पंजाब ट्रेन हादसाः दशहरे को पंजाब में रावण दहन कार्यक्रम देखने के लिए इकत्रित हुए लोगों में से करीब 100 को तेज रफ्तार से आ रही ट्रेन ने कुचल दिया। जिसमें करी 60 लोंगो की मौत हो गई है। हादसे को लेकर रेलवे के अधिकारियों का कहना है कि रावण दहन देखने के लिए लोगों का पटरियों पर इकट्ठा होना ‘अतिक्रमण का मामला’ है।रेल प्रशासन का कहना है कि इस कार्यक्रम के लिये रेलवे द्वारा स्थानीय प्रशासन को कोई स्वीकृति नहीं दी गई थी।

 

पंजाब ट्रेन हादसाः 60 लोगों को कुचलने वाली ट्रेन के ड्राइवर ने दी सफाई,कहा धुआं में कुछ भी नहीं दिखा
पंजाब ट्रेन हादसाः 60 लोगों को कुचलने वाली ट्रेन के ड्राइवर ने दी सफाई,कहा धुआं में कुछ भी नहीं दिखा

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आपको बता दें कि अमृतसर में जिस वक्त ट्रेन हादसा हुआ। उस दौरान जोड़ा फाटक के पास रेल पटरियों पर खड़े होकर लोग रावण दहन देख रहे थे। इस वक्त तक काफी अंधेरा छा चुका था।रावण जलाने पर आस-पास धुआं के कारण दिखाई नहीं दे रहा था ऐसे में ही तेज आतिशबाजी होने लगी।उसी दौरान आ रही ट्रेन लोगों को नहीं दिखी। पटरियों को क्रॉस कर भाग रहे लोगों को दर्दनाक तरीखे से ट्रेन रौंदती चली गई। एसे में सवाल खड़ा होता है कि क्या लोगों की भारी भीड़ रेल ड्राइवर को नहीं दिखी।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रेल ड्राइवर ने कहा कि रावण जलने की वजह से काफी धुआं था। हादसे की जगह पर रोशनी की भी व्यवस्था नहीं थी।इसलिए उसे कुछ दिखाई नहीं दिया। रेल अधिकारी भी यही बात कह रहे हैं कि वहां काफी धुआं था,जिसकी वजह से ड्राइवर कुछ भी देखने में असमर्थ था। बताया गया कि ट्रेन घुमावदार मोड़ पर थी।

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मीडिया रिपोर्ट्स से रेल ड्राइवर की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया गया है। रेल अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं।रेलवे का कहना है कि रावण दहन देखने के लिए लोगों का वहां पटरियों पर इकट्ठा होना ‘अतिक्रमण का मामला’ था और इस कार्यक्रम के लिये रेलवे द्वारा कोई मंजूरी नहीं दी गई थी। अमृतसर प्रशासन पर इस हादसे की जिम्मेदारी डालते हुए खबर है कि स्थानीय अधिकारियों को दशहरा कार्यक्रम की जानकारी थी। इसमें नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी भी शामिल हुईं थी।

रेलवे अधिकारियों ने कहा कि हमें इस बारे में जानकारी नहीं दी गई थी नही हमारी तरफ से कार्यक्रम के लिये कोई स्वीकृति दी थी। अतिक्रमण का स्पष्ट मामला है और स्थानीय प्रशासन को जिम्मेदारी लेनी चाहिए। केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन ने कार्यक्रम की सूचना रेलवे विभाग को नहीं दी थी। उन्होंने कहा कि अगर रेलवे को जानकारी दी जाती तो उनके विभाग की ओर से गाइडलाइंस निश्चित रूप से जारी किये जाते। ट्रेन की तेज रफ्तार के बारे में मनोज सिन्हा ने कहा कि स्पीड पर नियंत्रण ट्रैक की स्थिति के आधार पर लगाया जाता है। ना कि भीड़ को देखते हुए।सिन्हा ने कहा कि अभी उनकी प्राथमिकता घायलों को अधिक चिकित्सा अन्य सुविधा प्रदान करना है।

महेश कुमार यादव

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