नई दिल्ली: दक्षिण भारत के दिग्गज नेता एम करुणानिधि का लंबी बीमारी के बाद 94 साल की उम्र में मंगलवार को निधन हो गया। करुणानिधि का आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। अस्पताल ने बयान जारी कर बताया कि उन्होंने शाम 6 बजकर 10 मिनट पर आखिरी सांस ली।
पीएम सहित कई नेताओं ने दी श्रद्धांजली
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के तमाम नेताओं ने श्रद्धांजलि दी। पीएम ने लिखा कि वे देश के वरिष्ठतम नेताओं में से एक थे। वहीं करुणानिधि को श्रद्धांजलि देने पहुंचे अभिनेता से नेता बने कमल हासन ने डीएमके की मांग का समर्थन किया है। कमल हासन ने कहा है कि मरीना बीच पर ही समाधि बने।
सरकारी वकील ने दी यह दलील
वहीं जमीन मामले पर सराकरी वकील ने कहा, ”कोई पद पर होता है और कोई पद पर रह चुका होता है सबके लिए अलग अलग प्रोटोकॉल होता है। इस मामले में हम परंपरा का पालन कर रहे हैं वो परंपरा जो खुद करुणानिधि ने तय की। उनके कार्यकाल के दौरान 3 पूर्व सीएम की मृत्यु हुई थी लेकिन उन्हें मरीना बीच पर जगह नहीं मिली।
वकील ने कहा हम उनके आदेशों का पालन कर रहे हैं
साथ ही सरकारी वकील ने कहा, ”ऐसा नहीं है कि हम उनका अपमान कर रहे हैं हम तो उनकी बातों और आदेशों का पालन कर रहे हैं। उल्टा याचिकाकर्ता ही करुणानिधि का अपमान कर रहे हैं जो वो उनके पहले के आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं। याचिकाकर्ता ने प्रेस रिलीज़ को चुनौती दी है न कि किसी सरकार के आदेश को।”
कामराज को भी मरीना बीच पर नहीं दी गई थी जगह
इस दौरान सरकारी वकील ने कहा, ”1975 में के कामराज को भी मरीना बीच पर पर जगह नहीं दी गयी और वो आदेश खुद करुणानिधि ने ही जारी किया था ये कहते हुए कि वो सीएम नहीं थे। 1996 में जानकी रामचंद्रन पूर्व सीएम को भी मरीना बीच पर जगह नहीं दी गयी और वो आदेश खुद करुणानिधि ने ही जारी किया था। इसको पैरिटी( समानता) के आधार पर देखना चाहिए. सीएम ने पूछा था कि इससे पहले के मामलों में क्या किया गया था, उसी को ध्यान में रखकर ये फैसला लिया गया.”