खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग एक योजना लागू कर रहा है। जिसके तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली परिचालन को पूरी तरह कम्प्यूटरीकृत किया जाएगा। योजना के घटक-1 के तहत राशन कार्ड, ऑनलाइन आवंटन, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और शिकायत निवारण व्यवस्था को पूरी तरह से डिजिटल बनाया जा रहा है।
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केन्द्र शासित प्रदेशों में राशन कार्डों और लाभार्थियों के डेटाबेस को पूरी तरह डिजिटल बनाया जा चुका है
सभी राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों में राशन कार्डों और लाभार्थियों के डेटाबेस को पूरी तरह डिजिटल बनाया जा चुका है। इसके अलावा सभी राज्यों में पारदर्शिता पोर्टल और ऑनलाइन शिकायत निवारण व्यवस्थ,टोल फ्री नंबर की सुविधा भी लागू की जा चुकी है। 30 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में ऑनलाइन आवंटन और 21 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन लागू किए जा चुके हैं।
सार्वजनिक वितरण की दुकानों में इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (ईपीओएस) मशीनें लगाई जा रही हैं
घटक-2 के तहत सार्वजनिक वितरण की दुकानों में इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (ईपीओएस) मशीनें लगाई जा रही हैं। इन मशीनों की सहायता से लाभार्थियों का सत्यापन किया जाएगा और सभी लेन-देन की इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्डिंग की जाएगी। देश में मौजूद कुल 5.29 लाख एफपीएस मशीनों में से 3.33 लाख मशीनों को ऑटोमेशन किया जा चुका है।
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योजना की अवधि को लागत में वृद्धि किए बिना 31 मार्च, 2019 तक बढ़ा दिया गया है
कुछ राज्य अब तक यह कार्य समाप्त नहीं कर पाए हैं। इसलिए योजना की अवधि को लागत में वृद्धि किए बिना 31 मार्च, 2019 तक बढ़ा दिया गया है। जानकारी केन्द्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री सी.आर.चौधरी ने आज लोकसभा में दी।
महेश कुमार यदुवंशी