9 जुलाई से 13 जुलाई तक चलने वाले विश्व संस्कृत सम्मेलन का आयोजित हो रहा है।बता दें कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर कनाडा के वैंकूवर में 17वें विश्व संस्कृत सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।
गौरतलब है कि सम्मेलन में 500 से अधिक विद्वान एवं 40 से अधिक देशों के शिष्टमंडल भाग लेंगे। और अलग-अलग विषयों पर शोध पत्र पेश करके अपने ज्ञान का आदान प्रदान करेंगे।
संस्कृत बौद्ध धर्म मनुस्मृति, योगशाला से आगे मीमांशा, युक्तिदीपिका का सांख्य के लिए स्थान गढ़ना
इतिहास एवं वैदिक साहित्य में महिलाओं की शिक्षा, संस्कृत बौद्ध धर्म मनुस्मृति, योगशाला से आगे मीमांशा, युक्तिदीपिका का सांख्य के लिए स्थान गढ़ना। भागवत पुराण टिप्पणीकारों को प्रस्तुत करना। गार्गीयाज्योतिष पर अनुसंधान जैसे एक दर्जन से अधिक विषयों पर एक विशेष पैनल चर्चा की होगी।
5 दिनों के सममेलन के दौरान विभिन्न विषयों पर 500 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है
बता दें कि 5 दिनों के सममेलन के दौरान विभिन्न विषयों पर 500 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है।इस सम्मेलन का उद्वेश्य विश्व भर में लोगों द्वारा संस्कृत भाषा को बढ़ावा देना।संरक्षित करना एवं व्यवहार में लाना है।विश्व संस्कृत सम्मेलन का आयोजन दुनिया भर के विभिन्न देशों में प्रत्येक तीन वर्षों में एक बार किया जाता है।मालूम हो कि भारत में तीन बार इसका आयोजन किया जा चुका है।मंत्री के अतिरिक्त, 17वें हो रहे हैं।
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गार्गीयाज्योतिष पर अनुसंधान जैसे एक दर्जन से अधिक विषयों पर एक विशेष पैनल चर्चा की होगी
इतिहास एवं वैदिक साहित्य में महिलाओं की शिक्षा, संस्कृत बौद्ध धर्म मनुस्मृति, योगशाला से आगे मीमांशा, युक्तिदीपिका का सांख्य के लिए स्थान गढ़ना। भागवत पुराण टिप्पणीकारों को प्रस्तुत करना। गार्गीयाज्योतिष पर अनुसंधान जैसे एक दर्जन से अधिक विषयों पर एक विशेष पैनल चर्चा की होगी।
बता दें कि 5 दिनों के सममेलन के दौरान विभिन्न विषयों पर 500 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किए जाने की उम्मीद है।इस सम्मेलन का उद्वेश्य विश्व भर में लोगों द्वारा संस्कृत भाषा को बढ़ावा देना।संरक्षित करना एवं व्यवहार में लाना है।
गौरतलब है कि इतिहास एवं वैदिक साहित्य में महिलाओं की शिक्षा, संस्कृत बौद्ध धर्म मनुस्मृति, योगशाला से आगे मीमांशा, युक्तिदीपिका का सांख्य के लिए स्थान गढ़ना।भागवत पुराण टिप्पणीकारों को प्रस्तुत करना। गार्गीयाज्योतिष पर अनुसंधान जैसे एक दर्जन से अधिक विषयों पर एक विशेष पैनल चर्चा करेगा।