नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद शुक्रवार को अरविंद केजरीवाल और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने राजनिवास जाकर बैजल से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद सिसोदिया और केजरीवाल ने बताया कि उच्चतम न्यायालय का फैसला आने के बाद उम्मीद थी कि शंकाएं दूर होंगी और सरकार के कामकाज में तेजी आयेगी।
उपराज्यपाल की स्वीकृति की जरूरत नहीं होगी
उन्होंने कहा कि आदेश के पैरा 277 में लिखा है कि पुलिस, भूमि और कानून-व्यवस्था के अलावा सभी मामलों में निर्णय करने का अधिकार दिल्ली सरकार के पास होगा। प्रत्येक फाइल पर उपराज्यपाल की स्वीकृति की जरूरत नहीं होगी। उपराज्यपाल इस पर राजी हो गये हैं, किंतु सेवा से जुड़े मामलों को मानने से उन्होंने मना कर दिया है। उनका कहना है कि गृह मंत्रालय के आदेश को न्यायालय ने खारिज नहीं किया है और वह मंत्रालय के आदेश को ही मानेंगे, जबकि यह आदेश के खिलाफ है।
उप-राज्यपाल अनिल बैजल से मिले अरविंद केजरीवाल
इतिहास में यह पहली बार होगा
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि भाजपा उनकी सरकार को काम नहीं करने देना चाहती। सीएम ने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली बार होगा कि केंद्र सरकार शीर्ष न्यायालय के आदेश की अवहेलना करेगी। इससे अराजकता की स्थिति होगी। यह विचित्र बात है कि सभी कार्यों की जिम्मेदारी तो दिल्ली सरकार की होगी, पर इसे कौन अधिकारी करेगा, यह केंद्र सरकार तय करेगी।
सीएम ने कहा कि इसका अर्थ यह हुआ कि अफसर केंद्र सरकार लायेगी और काम हमें करवाना होगा। यदि कोई अफसर काम करना चाहेगा तो उसे वह (केंद्र सरकार) करने नहीं देगी। यह सब पूरा देश देख रहा है। उन्होंने कहा कि दरवाजे पर राशन की डिलीवरी के आदेश सरकार ने जारी कर दिये हैं। इस योजना पर उपराज्यपाल की आपत्ति को दरकिनार कर खाद्य विभाग को आदेश जारी करके इसे जल्द से जल्द लागू करने को कहा गया है।