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वीरप्पन को मौत के घाट उतारने वाले ऑफिसर को मिली जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी

jammu kashmir 2 वीरप्पन को मौत के घाट उतारने वाले ऑफिसर को मिली जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में महबूबा मुफ्ती सरकार के गिरने के बाद राज्य में राज्यपाल शासन शुरू हो गया है। राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने राज्य की कमान भी संभाल ली है और बीते बुधवार को उन्होंने कई बैठकें भी की। राज्यपाल की अगुवाई में अब सेना के ऑपरेशन को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा, जिसके लिए तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। इसी के साथ ही राज्य में अधिकारी स्तर पर बड़ा फेरबदल भी हुआ। छत्तीसगढ़ कैडर के सीनियर आईएएस बीवीआर सुब्रमण्यम को राज्य का मुख्य सचिव नियुक्त किया गया। मुख्य सचिव के अलावा राज्यपाल के सलाहकार के तौर पर आईपीएस विजय कुमार को नियुक्त किया गया है। विजय कुमार और बीवीआर सुब्रमण्यम को अपनी सख्त छवि के लिए जाना जाता है।

 

jammu kashmir 2 वीरप्पन को मौत के घाट उतारने वाले ऑफिसर को मिली जम्मू-कश्मीर में ड्यूटी

 

कौन हैं विजय कुमार?

बता दें कि एक वक्त था जब कुख्यात चंदन तस्कर वीरप्पन की साउथ इंडिया के जंगलों में तूती बोलती थी। उसका असली नाम कूज मुनिस्वामी वीरप्पन था, जो चन्दन की तस्करी के साथ हाथी दांत की तस्करी और कई पुलिस अधिकारियों की मौत का जिम्मेदार था। उसे पकड़ने के लिए सरकार ने करीब 20 करोड़ रुपये खर्च कर दिए थे। कुख्यात तस्कर वीरप्पन तक पहुंचने के लिए तीन राज्यों की पुलिस और सेना को लंबा वक्त लगा था। लेकिन IPS विजय कुमार के नेतृत्व में चलाए गए ऑपरेशन कोकून चलाया गया था। विजय कुमार ने ही तारीख 18 अक्टूबर 2004 को वीरप्पन को मार गिराया था। उन्होंने इस पर एक किताब भी लिखी है।

वहीं साल 1975 में तमिलनाडु कैडर में आईपीएस बनने के बाद स्पेशल सिक्युरिटी ग्रुप में उन्होंने सर्विस की। स्पेशल टास्क फोर्स में तैनाती के दौरान उन्हें चंदन तस्कर वीरप्पन को मारने का जिम्मा सौंपा गया था। इसके बाद विजय कुमार कई वर्षों तक वीरप्पन की तलाश करते रहे। उन्होंने ऑपरेशन ‘कोकून’ का भी नेतृत्व किया। विजयकुमार ने बन्नारी अम्मान मंदिर में कसम खाई कि जब तक वीरप्पन को पकड़ नहीं लेते तब तक सिर के बाल नहीं मुढवाएंगे। 18 अक्टूबर 2004 को उन्होंने अपने साथियों के साथ तमिलनाडु के धरमपुरी जंगल में हुए एनकाउंटर में वीरप्पन को मार दिया। विजय कुमार ने वीरप्पन पर एक किताब ‘वीरप्पन चेज़िंग द ब्रिगांड’ लिखा है। इसमें उन्होंने वीरप्पन के बचपन से लेकर डाकू बनने तक की कहानी बयान की है।

कौन हैं बीवीआर सुब्रमण्यम?

बता दें कि बीवीआर सुब्रमण्यम 1987 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उन्हें नक्सलियों को धर दबोचने से लेकर नक्सली विचारधारा को खत्म करने का अच्छा-खासा अनुभव है. बी वीआर सुब्रमण्यम लगभग तीन साल से छत्तीसगढ़ में गृह विभाग की जवाबदारी संभाल रहे थे। छत्तीसगढ़ में एंटी नक्सल ऑपरेशन और नक्सली विचारधारा को ख़त्म करने के लिए वे केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और केंद्र सरकार के सीधे संपर्क में थे। लिहाजा केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बीवीआर सुब्रमण्यम को जम्मू कश्मीर भेजने में सक्रियता दिखाई।

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