पटना। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए बिगुल फुंक चुका है। राजनीतिक दलों ने अपने पत्ते खोलना और खेलना भी शुरू कर दिया है। इसी के तहत महागंठबंधन के घटक दल अब सीट बंटवारे पर चर्चाएं कर रहे हैं। बिहार में कांग्रेस पार्टी ने आरजेडी के साथ इसको लेकर बात करना शुरू किया है। और अपनी सभी मांगों को सामने रख दिया है। कांग्रेस ने आरजेडी के सामने कुछ शर्तें रखी हैं जिसमें कई स्थितियों के बारे में बताया गया है। कांग्रेस की रणनीति है कि महागठबंधन हो और आगे बात बने।
1. आरजेडी, HAM, लेफ्ट और कांग्रेस का गठबंधन हुआ तो कम से कम 15 सीटें मांगेगी कांग्रेस।
2. अगर नीतीश साथ आएं तो 10 सीटों पर मान जाएगी।
3. अगर नीतीश, पासवान और उपेंद्र कुशवाहा भी साथ आएं तो 8 सीटों पर मानेगी कांग्रेस।
शुरुआती बातचीत में कांग्रेस की ओर से कई तरह के तर्क दिए गए हैं।
1. पिछली बार कांग्रेस को 12 सीट मिलीं थीं, जिसमें 2 जीतीं।
2. पिछली बार की तरह सिर्फ नंबर के लिए सीट नहीं लेगी।
3. अकेले लड़कर भी 2009 में 2 सीटें जीती थी कांग्रेस।
4. बिहार में सरकार बनने पर मुख्यमंत्री तो आरजेडी का ही बनेगा, इसीलिये लोकसभा में कांग्रेस को ज़्यादा और जीतने वाली सीटें चाहिए।
गौरतलब है कि हाल ही में बिहार में हुए उपचुनाव में बीजेपी और जनता दल (यू) को हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद से ही राज्य में 2019 लोकसभा चुनाव के लिए सीटों की चर्चा ने जोर पकड़ा है। एक तरफ महागठबंधन में सीटों की बात चल रही है तो दूसरी तरफ एनडीए में भी इस मुद्दे ने तूल पकड़ा था। जेडीयू की मांग थी कि वह राज्य में बड़ी पार्टी है इसलिए वह 25 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।